Sharda Sinha: शारदा सिन्हा की यह इच्छा रह गई अधूरी, कहा था- काशी विश्वनाथ धाम में सुरों से हाजिरी…
शारदा सिन्हा अपने गाए छठ पर्व के गीतों को लेकर काफी पॉपुलर हैं. उन्हें 1992 में पद्मश्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से नवाजा गया था. वहीं, आपको उनकी इच्छा के बारे में बताएंगे, जो अधूरी रह गई.
Sharda Sinha Last Wish: बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा अब नहीं रहीं. छठ पर्व के मौके पर उनका निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है और फैंस की आंखें नम है. आज वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी एक आखिरी इच्छा अधूरी रह गई. उनकी कौन सी इच्छा पूरी नहीं हो पाई, उसके बारे में बताते हैं.
अधूरी रह गई शारदा सिन्हा की ये इच्छा
शारदा सिन्हा ने अमर उजाला संग बातचीत में अपनी इच्छा बताई थीं, जो पूरी नहीं हो सकी. उन्होंने काशी जाने की ख्वाहिश जताई थी. उन्होंने कहा था, बाबा काशी विश्वनाथ धाम में अपने सुरों से हाजिरी लगाने की इच्छा है. वहीं, आखिरी बार शारदा सिन्हा काशी साल 2018 में आई थी. हालांकि उस समय उन्होंने बीएचयू में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुई थीं. उसके बाद उन्हें कभी काशी जाने का मौका नहीं मिला.
गूंजती रहेंगी शारदा सिन्हा की आवाज फैंस के दिलों में
शारदा सिन्हा के छठ गीत के बिना छठ पूजा अधूरी लगती है. उन्होंने छठी मैया आई ना दुआरिया, पहिले पहिले हम कईनी, कार्तिक मास इजोरिया, कोयल बिन, दुखवा मिटाईं छठी मइया, हो दीनानाथ, केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके जैसे गीतों को अपनी आवाज दी थीं. इसके अलावा बॉलीवुड में उन्होंने तार बिजली, हम आपके हैं कौन के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ गाने गाए थे. वहीं, एक दिन पहले ही शारदा सिन्हा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल दुखवा मिटाईं छठी मईयां गाना रिलीज किया गया था. बता दें कि उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, सिंगर सोनू निगम, भोजपुरी अभिनेता एवं नेता रवि किशन सहित कई अन्य सेलेब्स ने दुख जताया हैं.
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