Bigg Boss 16: विकास मानकतला ने अर्चना पर किये जातिसूचक टिप्पणी के लिए मांगी माफी, बोले- यह रिकॉर्ड में है
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने विकास मानकतला के खिलाफ उनकी अभद्र टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग की. बिग बॉस 16 के निर्माताओं को एक नोटिस जारी किया गया था. अब इंडिया टुडे से खास बातचीत में विकास मानकतला ने कहा कि यह सिर्फ 'उनकी जुबान फिसल गई' थी
Bigg Boss 16: विकास मानकतला इस वीकेंड बिग बॉस 16 से बाहर हो गए. घर से बाहर होने से कुछ दिन पहले उन्होंने अपनी को-कंटेस्टेंट अर्चना गौतम के खिलाफ कथित जातिवादी टिप्पणी की थी जिसके लिए उन्हें जमकर आलोचना झेलनी पड़ी. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जमकर उनपर निशाना साधा. अब सलमान खान के शो से बाहर होने के बाद उन्होंने अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है और अपनी बात रखी है.
NCSC ने भेजा नोटिस
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने विकास मानकतला के खिलाफ उनकी अभद्र टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग की. बिग बॉस 16 के निर्माताओं को एक नोटिस जारी किया गया था. अब इंडिया टुडे से खास बातचीत में विकास मानकतला ने कहा कि यह सिर्फ ‘उनकी जुबान फिसल गई’ थी उनका मतलब किसी अपमानजनक तरीके से नहीं था.
मेरे कहने का मतलब नीची सोच थी
विकास मानकतला ने साफ किया कि उनका मतलब सिर्फ अर्चना गौतम को ‘सोच को नीचा’ बताना था. इंडिया टुडे से उन्होंने कहा, “मैंने यह कभी नहीं कहा – नीची जाति के लोग. मैं ऑन रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि यह जुबान फिसली थी. यह नीची जाति नहीं थी, मेरे कहने का मतलब नीची सोच थी. मैं कभी किसी जाति, पंथ या लिंग को अपमानजनक तरीके से नहीं देखता.”
मैंने अपमानजनक बातें नहीं कही
उन्होंने आगे कहा,’ मैं अपनी गरिमा बनाए रखता हूं और हमेशा ऐसा ही करता रहूंगा. जब उसने (अर्चना) मुझसे कुछ बातें कही, तो मैंने उसे अपमानजनक बातें नहीं कही. यह सिर्फ जुबान फिसली थी. मैंने नहीं इसका मतलब किसी और तरह से है. मेरा मतलब सिर्फ नीची सोच से था. जाति से कुछ लेना देना नहीं है. यह रिकॉर्ड में है, मैं इसे कवर नहीं कर रहा हूं. अगर मेरी जीभ फिसलने से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. मुझे बहुत खेद है.”
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सात दिनों के भीतर देना होगा नोटिस का जवाब
बिग बॉस को जारी नोटिस में भारतीय कानून के अनुसार, एनसीएससी ने उल्लेख किया था “यह स्पष्ट रूप से एससी/एसटी अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है और आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में मामले की जांच करने का निर्णय लिया है. आपसे अनुरोध है कि इस नोटिस की प्राप्ति के सात दिनों के भीतर अधोहस्ताक्षरी को की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करें.”