पटना: सुप्रीम कोर्ट में सुशांत की मौत के मामले में बिहार पुलिस ने शुक्रवार को हलफनामा दायर कर अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी दी. साथ ही रिया चक्रवर्ती द्वारा बिहार पुलिस पर लगाये गये तमाम आरोपों को खारिज करते हुए विस्तार से जवाब दिया है. मुंबई पुलिस की खामियों और असहयोगात्मक रवैया के बारे में भी बताया है. 28 पेज के इस हलफनामे को पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने दायर किया है.
इससे पहले इस मामले में एकत्र किये गये सभी तथ्यों और जांच रिपोर्ट को लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय समेत अन्य सभी अधिकारियों की अहम बैठक हुई. इस दौरान हलफनामे के अंतिम प्रारूप पर मंथन करने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया. हलफनामे में स्पष्ट कहा गया है कि रिया ने सुशांत के पैसे को हड़पने के लिए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उसे मरने के लिए मजबूर कर दिया. वह सुशांत के पैसे को हड़पने में कामयाब भी हो गयी. सुशांत को मानसिक रूप से कमजोर करने और पूरी तरह से तोड़ने के लिए दवाओं का सहारा भी लिया गया. उसे पागल बताया गया, जिससे वह अवसादग्रस्त हो जाएं.
इसमें यह भी कहा गया कि रिया ने जो भी आरोप लगाते हुए इस मामले को मुंबई ट्रांसफर करने और बिहार पुलिस पर छानबीन में उसके प्रति पूर्वाग्रह रखने के जो आरोप लगाये हैं, वे सभी बेबुनियाद होने के साथ ही न्यायसंगत भी नहीं हैं. अपनी बातों को स्थापित करने के लिए हलफनामे में इस तरह के दूसरे कई मुकदमों का विस्तार से जिक्र करते हुए उनमें दिये आदेशों का भी जिक्र किया गया है. बिहार पुलिस ने यह भी कहा है कि इस घटना के तार कई राज्यों से जुड़े होने से बिहार सरकार की अनुशंसा पर इस मामले को सीबीआइ को सौंपना श्रेष्ठ निर्णय है.
सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा 25 जुलाई को राजीव नगर थाने में दर्ज करायी गयी एफआइआर में जिन आरोपों की चर्चा की है, उसे बिहार पुलिस ने काफी हद तक सही ठहराते हुए हलफनामे में भी उन बातों का सिलसिलेवार उल्लेख किया है. इसमें कहा गया है कि 2019 में रिया सुशांत के संपर्क में आयी और इसके बाद से उसके पैसे को हड़पने के लिए सुनियोजित साजिश के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया है. सुशांत के जीवन में रिया के अलावा उसके परिजनों इंद्रजीत चक्रवर्ती, संध्या चक्रवर्ती और शोविक चक्रवर्ती की लगातार दखल बढ़ती गयी. ये सभी उसके पैसे को हड़पने के लिए पूरी तरह से रिया की साजिश में साथ थे. सुशांत के एक खाते से 17 करोड़ में से 15 करोड़ रुपये ऐसे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किये गये, जिसका सुशांत से कोई लेना-देना नहीं था.
बिहार पुलिस ने यह भी कहा है कि पटना के राजीव नगर थाने में सुशांत के पिता द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर को दूसरी एफआइआर के रूप में नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक यूडी (अप्राकृतिक मौत) केस दर्ज कर रखा है और इसी के आधार पर वह छानबीन भी कर रही है. एफआइआर तो मुंबई पुलिस ने दर्ज ही नहीं की है. इस वजह से बिहार पुलिस ने अपनी एफआइआर दर्ज कर उसके आधार पर छानबीन शुरू कर दी थी.