Black Widows Review : बदले की कहानी है ब्लैक विडोज

black widows review swastika mukherjee mona singh shamita shetty sharad kelkar raima sen aamir ali releases on zee5 bud : फ़िल्म का शीर्षक 'ब्लैक विडोज' नार्थ अमेरिका में पायी जानेवाली एक मकड़ी 'ब्लैक विडो' से प्रेरित है क्योंकि यह जहरीली मकड़ी अपने पार्टनर को मारकर खा जाती है और इस सीरीज की कहानी भी ऐसी ही है. ब्लैक विडोज पॉपुलर फिन्निश सीरीज का हिंदी रूपांतरण है. इस पर अब तक कई सारी इंटरनेशनल सीरीज बन चुकी हैं.

By कोरी | December 19, 2020 8:37 PM

Black Widows Review

वेब सीरीज- ब्लैक विडोज

निर्देशक- बिरसा दासगुप्ता

कलाकार- शमिता शेट्टी, स्वास्तिका मुखर्जी, मोना सिंह, शरद केलकर, मोहन कपूर, राइमा सेन और अन्य

प्लेटफार्म- ज़ी 5

कड़ियाँ – 12

रेटिंग – ढाई

फ़िल्म का शीर्षक ‘ब्लैक विडोज’ नार्थ अमेरिका में पायी जानेवाली एक मकड़ी ‘ब्लैक विडो’ से प्रेरित है क्योंकि यह जहरीली मकड़ी अपने पार्टनर को मारकर खा जाती है और इस सीरीज की कहानी भी ऐसी ही है. ब्लैक विडोज पॉपुलर फिन्निश सीरीज का हिंदी रूपांतरण है. इस पर अब तक कई सारी इंटरनेशनल सीरीज बन चुकी हैं. हिंदी रूपांतरण की कहानी पर आते हैं.

तीन औरतों की कहानी हैं जयति (स्वास्तिका मुखर्जी), कविता (शमिता शेट्टी) और वीरा (मोना सिंह) जो अपनी बुरी शादी से छुटकारा पाना चाहती है, वह अपने पतियों के अत्याचारों से परेशान हैं. ऐसे में वह उनके मर्डर का प्लान करती हैं. मर्डर हो भी जाता है.

तीनों पत्नियों को लगता है कि उन्होंने परफेक्ट मर्डर किया है लेकिन फिर पुलिस को कुछ सबूत ऐसे मिलते हैं जिससे शक की सुई इन तीनों बीवियों पर आ टिकती है. कहानी में ट्विस्ट ये भी है कि वीरा के पति जतिन (शरद केलकर) की लाश नहीं मिली है. क्या जतिन उस हमले में बच गया है.

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कहानी का एक सिरा एक फार्मा कंपनी से भी जुड़ा है. वैक्सीन की भी बात है. कहानी अपने मूल कहानी से भटकती है लेकिन बिखरती नहीं है. कहीं कहीं ड्रामा ओवर द टॉप भी लगता है किरदार भी बहुत ज़्यादा है लेकिन इसके बावजूद इस थ्रिलर सीरीज में कहानी को जिस उतार चढ़ाव के साथ बयां किया गया वो सीरीज की खामियों के बावजूद एंगेज और एंटरटेन करने में कामयाब रहती है. सीरीज का दूसरा सीजन भी आनेवाला है.

अभिनय की बात करें तो तीनों अभिनेत्रियों के किरदार को काफी अच्छे से लिखा गया है जिसे इन तीनों अभिनेत्रियों ने बखूबी निभाया गया है. शरद केलकर प्रभावी रहे हैं. राइमा सेन, परमब्रत चट्टोपाध्याय और श्रुति व्यास अपने अभिनय से कहानी में एक अलग ही रंग भरते हैं. सीरीज की सिनेमेटोग्राफी इस थ्रिलर को दिलचस्प बनाती हैं. संवाद पर थोड़ा और काम करने की ज़रूरत महसूस होती है. वे ओरिजनल नहीं डब वाली फीलिंग देते हैं.

Posted By : Budhmani Minj

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