100 years of Raj Kapoor: अपने असिस्टेंट डेज की फोटो देखकर भावुक हो गए थे राज जी- विश्वजीत
100 years of Raj Kapoor: हिंदी सिनेमा के शोमैन राज कपूर की आज 100 वीं जयंती हैं. इस मौके पर राज कपूर करीबी रहे अभिनेता विश्वजीत ने राज कपूर की कई खास आदतों और उनसे जुड़ी कई यादों को साझा किया.
100 years of Raj Kapoor: हिंदी सिनेमा के शोमैन राज कपूर की आज 100 वीं जयंती हैं. इस मौके पर राज कपूर करीबी रहे अभिनेता विश्वजीत ने राज कपूर की कई खास आदतों और उनसे जुड़ी कई यादों को उर्मिला कोरी से साझा की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
मेरा उनका जन्मतारीख एक है
राज जी मुझसे सीनियर थे लेकिन हम दोनों का जन्मदिन का तारीख एक ही दिन आता है. मेरा भी जन्मदिन 14 दिसंबर को ही है. 14 दिसंबर को वह मुझे विश करते थे और मैं उनको विश करता था. आरके स्टूडियो में उनके जन्मदिन की पार्टी होती थी उसमें हम सब शामिल होने जाते थे और बहुत एन्जॉय करते थे. वह इंडस्ट्री के सबसे बड़े शोमैन थे तो उनकी पार्टी में भी बहुत ही शानदार और शानो शौकत से भरी रहा करती थी. पूरे बॉलीवुड को वह अपनी पार्टी में बुलाते थे. बर्थडे पार्टी ही नहीं होली की पार्टी भी बहुत शानदार हुआ करती थी,उनकी बेटी रितु नंदा की शादी में भी मैं गया था. वैसी शादी मैंने आज तक नहीं देखी है. पूरे बॉलीवुड को उन्होंने परिवार की तरह जोड़ा था. हम सभी को जिम्मेदारी दी गयी थी. दिलीप कुमार मेन गेट पर खड़े थे सबको रिसीव कर रहे थे . प्राण साहब पर खाने की जिम्मेदारी थी. शंकर जय की जोड़ी में से किशन पर बार की जिम्मेदारी थी.मैं बाजे वालों के साथ कोर्डिनेट कर रहा था.
बांग्ला भाषा के अच्छे थे जानकार
मैं बताना चाहूंगा कि राज साहब बहुत अच्छी बांग्ला भाषा भी बोल लेते थे. मैंने उनसे पूछा था कि आप इतने अच्छे बंगाली कैसे बोल लेते हैं तो उन्होंने मुझे बताया था कि बचपन में हम सब कलकत्ता में रहते थे. मेरे पापा जी (पृथ्वीराज कपूर) बंगाल के बी एन सरकार के न्यू थिएटर स्टूडियो में मंथली बेसिस पर काम करते थे. वजह है कि बांग्ला भाषा में हम सभी भाइयों को आती है. बंगाल में रहने की वजह से बांग्ला भाषा और कल्चर की बहुत रिस्पेक्ट भी करते हैं.
चिंगड़ी मलाई करी उन्हें बहुत पसंद थी
बंगाल से कनेक्शन था तो फूड से तो उनका जबरदस्त कनेक्शन होना ही था. वह खाने खिलाने के बहुत शौक़ीन थे। उन्हें बंगाली खाना बहुत ज्यादा पसंद था. फिल्म संगम का एक प्रीमियर कोलकाता में भी हुआ था. उसमें वैजयंती माला, राजेंद्र कुमार, शंकर जयकिशन सभी शामिल थे. फिल्म के बाद कोलकाता के ग्रैंड होटल में राज कपूर की सुईट में एक बहुत बड़ी पार्टी रखी गई थी. वहां के एक लोकल फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर हेमन गांगुली थे.राज कपूर के लिए वह उस पार्टी में अपने घर से एक बड़ी से टिफिन में चिंगड़ी मलाई करी बनवा कर लाये थे, वह उनको बहुत पसंद था. राज कपूर अगर कोलकाता में हैं ,तो हेमन गांगुली के घर से चिंगड़ी मलाई करी आनी है।
फोटो देखकर इमोशनल हो गए थे
भारतीय सिनेमा के महान निर्देशकों में से एक सुशील मजूमदार द ग्रेट राज कपूर के गुरुओं में से एक रहे हैं.उनकी फिल्मों को राज कपूर ने असिस्ट किया था. एक बार कोलकाता में मैं सुशील दा के साथ एक फिल्म कर रहा था. उस वक़्त मैं मुंबई में ज्यादा रहता था.सिर्फ इस फिल्म की शूटिंग के लिए कोलकाता गया था। शूटिंग के एक दिन सुशील दा ने मुझसे कहा कि अगर मुंबई में राज कपूर से मुलाकात हो तो उसे ये तस्वीर दे देना। तस्वीर शूटिंग सेट की थी. राज कपूर एकदम दुबले पतले थे. तस्वीर के पीछे उन्होंने लिखा था बहुत सारा प्यार राज। मैंने उनसे कहा कि मैं इस तस्वीर के लिए खास तौर पर राज कपूर से मिलने जाऊँगा। मैंने वैसा किया भी. मुंबई आते ही उनसे मिलने पहुंच गया. मालूम पड़ा कि वे शूटिंग कर रहे हैं. उस वक़्त वह जिस देश में गंगा बहती है कि शूटिंग कर रहे थे.मैं वहां पहुँच गया. उन्होंने मुझसे कहा कि बहुत दिन बाद आये. अचानक से. मैंने बोला अचानक से नहीं एक ख़ास चीज आपके लिए लाया हूँ। मैंने वह तस्वीर निकालकर उनको दी. उन्होंने कहा कि ये तो बहुत पुरानी तस्वीर है। मैंने उनसे पूछा कि आपने सुशील मजूमदार को असिस्ट किया था.उन्होंने कहा कि हां मैं उनका थर्ड अस्सिस्टेंट था. उन्होंने इस बात को बहुत गर्व के साथ कहा था.चाहते तो वह इग्नोर कर सकते थे. उस वक़्त वह इंडस्ट्री के शो मैन बन चुके थे. उनकी प्रसिद्धि रशिया तक पहुँच गयी थी,लेकिन उस तस्वीर को देखकर वह बहुत ही इमोशनल हो गए थे.वह उनकी शुरुआत के दिन थे. जब वह फिल्म की मेकिंग को सीख रहे थे.शायद उनकी इसी खूबी ने उन्हें द ग्रेट राज कपूर बनाया था।
मेरा नाम जोकर की ट्रायलॉजी मेरे साथ बनाना चाहते थे
वह मुझे बहुत पसंद करते थे. उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. उनकी पार्टियों का भी हिस्सा होता था.उनके निर्देशन की फिल्म में भी वह मुझे कास्ट करने की प्लानिंग कर रहे थे.वह मेरा नाम जोकर फिल्म को तीन पार्ट में बनाना चाहते थे.तीसरे पार्ट को वह मेरे साथ बनाना चाहते थे.इसकी उन्होंने घोषणा भी की थी , लेकिन जोकर बहुत बड़ी डिजास्टर साबित हुई और तीसरा पार्ट बनाने का उनका सपना सपना ही रह गया और मुझे उनके साथ काम करने का सौभाग्य नहीं मिल पाया. वैसे उनको हमेशा ही मैं याद किया है लेकिन आज उनकी सौंवी जयंती है तो मुझे लगता है हम उनको ज्यादा याद करेंगे।
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