II उर्मिला कोरी II
अभिनेता राजकुमार राव फिल्म ‘सिटीलाइट’, ‘शाहिद’ और ‘अलीगढ़’ जैसी रियलिस्टिक फिल्मों से गंभीर अभिनेता के तौर पहचान बना चुके हैं. एक्टिंग में वह एक्सपेरिमेंटल अप्रोच रखते हैं. लेकिन इनदिनों वे अपनी आगामी कॉमेडी फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ को लेकर खासा चर्चे में हैं. अपने किरदार बिट्टू को असल जिंदगी का करार देते हैं. फिल्म में श्रुति हासन भी मुख्य भूमिका में हैं. राजकुमार फिल्म ‘क्वीन’ में भी अपने किरदार को लेकर तारीफ बटोर चुके हैं. राजकुमार ‘बहन होगी तेरी’ में अपने कॉमेडी किरदार को लेकर खासा व्यस्त हैं.
आपकी पहचान गंभीर अभिनेता की है. जबकि ‘बहन होगी तेरी’ कॉमेडी फिल्म है?
मैंने इमेज तोड़ने के लिए फिल्म नहीं की. मुझे हर तरह की फिल्में ऑफर होती हैं. किसी कारण पहले उनसे जुड़ नहीं पाया. ‘बहन होगी तेरी’ का स्क्रिप्ट पढ़ने के साथ ही किरदार से जुड़ गया था. हमारे देश में गट्टू और बिन्नी हर मोहल्ले-गली में पाये जाते हैं. इसमें बहुत कॉमिक सिचुएशन हैं. साथ ही रोमांस भी है.
यह फिल्म मोहल्ले के रोमांस की बात करती है. क्या आपका भी ऐसा कोई रोमांस रहा है?
हां, रहा है. रोमांस की शुरुआत ही मोहल्ले से होती है. अमूमन हर रोमांस का पहला कनेक्शन मोहल्ले में ही बनता है. मेरा भी कनेक्शन था, लेकिन दो मोहल्ले छोड़ कर. लोगों ने मेरी फिल्में देख कर मेरी सीरियस इमेज बना ली है. लेकिन मैं ऐसा हूं नहीं. स्कूल-कॉलेज में बहुत मस्ती करता था. को-एड में पढ़ा हूं. मेरी सगी बहनों को छोड़कर दो और बहनें हैं, जिनको स्कूल में बनाया था. लकी हूं कि ज्यादा लड़कियों का भाई नहीं हूं.
अपनी जिंदगी में लड़कियों को रिझाने के लिए खास क्या किया?
छोटे शहर का प्यार जो होता है, मेरा भी वैसा रहा. बाइक से घर के चक्कर काटते थे कि शायद एक बार दिख जाये. बाजार में कहीं आते-जाते नजरें मिल जायें और परिवार को पता भी न चले. यही सब इस फिल्म में भी है. इसकी खासियत ही यही है कि इसमें सारी चीजें रियल लाइफ से उठायी गयी हैं, जिसे देखने के बाद लोगों को लगेगा कि अरे, यह तो अपनी लव स्टोरी है.
अपने किरदार में रच-बस जाना आपकी खासियत है. आप कैसे इसे निभाते हैं?
बिट्ट का किरदार लखनऊ से है. उस जबान को सीखना, वहां के लोकल लड़के कैसे उठते-बैठते हैं, किस तरह से बातें करते हैं, ये सब मैंने जाना. हर किरदार की अपनी खासियत, अपनी पहचान होती है, बस उसे पकड़ने की जरूरत होती है. अभिनय में यही सब कुछ समझना पड़ता है.
श्रुति हसन और आपकी पेयरिंग काफी अलग है. अनुभव कैसा रहा?
श्रुति के साथ बहुत ही अच्छा रहा. हमने अच्छा समय बिताया. हमने हमेशा एक-दूसरे को सपोर्ट किया. सीन को कितना अच्छा बना सकते हैं, यही हमारी कोशिश रहती थी. वह बहुत ही टैलेंटेड हैं.
बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कितना मायने रखता है?
मेरी सब फिल्में चलें. मेरे निर्माताओं को फायदा पहुंचे, तभी कलाकारों को भी उनका हक मिल पायेगा, यही मैं चाहता हूं. लेकिन कोई फिल्म करोड़ों कमाये, तभी वह सफल मानी जायेगी, यह धारणा बदलनी होगी. 6 करोड़ में बनी फिल्म 15 करोड़ कमाये तो वह भी कामयाब है. मेरी पिछली फिल्म ट्रैप्ड ने अच्छा पैसा बनाया, लेकिन लोगों को पता ही नहीं. डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारी डील हो चुकी है. फिल्म का सैटेलाइट बिक गया है. तीन करोड़ रुपये थिएटर कलेक्शन है. जबकि यह सीमित बजट में बनायी गयी थी. इससे हमें अच्छा फायदा हुआ. कैरियर में मुझे क्रिएटिवली और बॉक्स ऑफिस दोनों में सफलता मिली है. मेरी ज्यादातर फिल्मों से मुझे जो इज्जत मिली है, वह बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से ज्यादा मायने रखती है.
फिल्म ‘बहन होगी तेरी’ के साथ ‘राब्ता’ भी रिलीज़ हो रही है. फिल्म में आपके लुक की काफी चर्चा है?
राब्ता मेरी फिल्म नहीं है. उसमें मेहमान भूमिका में हूं. दिनेश विजन मेरे अच्छे दोस्तों में से हैं, इसलिए मैंने वह फिल्म की. फिल्म में मेरा मेकअप प्रोस्थेटिक है, जिसे करने में 6 घंटे जाते थे. एक्टर के तौर मुझे लगा भविष्य में ऐसा मौका मिले या न मिले, सो कर लेता हूं.
अभिनेता के तौर पर खुद को किस तरह से संवारते रहते हैं?
मैं फिल्में बहुत देखता हूं. नेट फिलिक्स और अमेजॉन पर टीवी सीरीज देखता हूं. जितना बेहतरीन काम देश और दुनिया में हो रहा है, उनसे कुछ-न-कुछ सीखता हूं.
आपकी आनेवाली फिल्में?
न्यूटन, बरेली बर्फी, शिमला मिर्च मेरी आनेवाली फिल्में हैं.