”गैंग ऑफ घोस्ट्स” के भूतों में दम नहीं

मुंबई:इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस में चार फिल्में रिलीज हुयी. इनमें से एक गैंग ऑफ घोस्ट्स भी है. इस फिल्म ने दर्शकों में कोई छाप नहीं छोड़ी है. वैसे तो सतीश कौशिक आम तौर पर दक्षिण भारत की फिल्मों की रीमेक बनाने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार उन्होंने अंकित दत्ता की बंगाली फिल्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2014 8:29 AM

मुंबई:इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस में चार फिल्में रिलीज हुयी. इनमें से एक गैंग ऑफ घोस्ट्स भी है. इस फिल्म ने दर्शकों में कोई छाप नहीं छोड़ी है. वैसे तो सतीश कौशिक आम तौर पर दक्षिण भारत की फिल्मों की रीमेक बनाने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार उन्होंने अंकित दत्ता की बंगाली फिल्म भूतेर भविष्यत को हिंदी में गैंग ऑफ घोस्ट्स नाम से बनाया है. हिंदी फिल्म के मिजाज के मुताबिक उन्होंने मूल फिल्म में थोड़ा बदलाव किया है. सेठ गेंदामल के साथ बीते जमाने के अन्य किरदारों को अच्छी तरह गढ़ा गया है. इसमें समाज के हर तबके के किरदार हैं.

सतीश कौशिक ने उनके परिवेश और संवाद के माध्यम से दर्शकों को हंसने की विसंगतियां दी हैं. फिल्म वर्तमान पर कटाक्ष करने के साथ अपने दौर को भी नहीं बख्शती. अनुपम खेर लंबे समय के बाद अपनी भूमिका के प्रति गंभीर नजर आते हैं. माही गिल ने अतीत की अभिनेत्री के अंदाज के साथ आवाज को भी परफॉरमेंस में अच्छी तरह उतारा है. अन्य भूमिकाओं में राजपाल यादव, असरानी, यशपाल शर्मा आदि समुचित सहयोग करते हैं. मीरा चोपड़ा में नयी नवेली की अनगढ़ता है. जैकी श्राफ और चंकी पांडे ऐसी भूमिकाएं कई बार निभा चुके हैं. इस फिल्म का गीत-संगीत कमजोर है. वीनस की फिल्म में यह कमी खलती है. पिछले दशकों में उनकी फिल्मों का संगीत दर्शकों को झुमाता रहा है.

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