इस तरह ”जंगली” के गाने से जुड़ा था ”Yahoo”
60 दशक की शम्मी कपूर और शायरा बानू स्टारर सुपरिहट फिल्म जंगली (1961) का टाइटल सॉन्ग ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे’ से जुड़ा ‘याहू’ शब्द आज भी लोगों की जुबां पर है. मगर कम लोग जानते हैं कि गीतकार शैलेंद्र ने जब यह गाना लिखा तब इसमें ‘याहू’ शब्द नहीं था. जयकिशन इस गाने की […]
60 दशक की शम्मी कपूर और शायरा बानू स्टारर सुपरिहट फिल्म जंगली (1961) का टाइटल सॉन्ग ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे’ से जुड़ा ‘याहू’ शब्द आज भी लोगों की जुबां पर है. मगर कम लोग जानते हैं कि गीतकार शैलेंद्र ने जब यह गाना लिखा तब इसमें ‘याहू’ शब्द नहीं था. जयकिशन इस गाने की धुन तैयार कर रहे थे, तब शम्मी को लगा कि अगर इससे ‘याहू’ शब्द जुड़े, तो गानाऔर खास बन जायेगा. दरअसल, याहू शब्द शम्मी ने पिता पृथ्वीराज के थिएटर ग्रुप के एक शख्स को देख कर लिया था, जो जब भी खुश होता, तो चिल्ला कर ‘याहू’ बोलता था. शम्मी के जेहन मेंयह याद रह गया. उन्हें लगा कि गीत के साथ यह शब्द बहुत फिट बैठेगा.
उन्होंने जयकिशन से मन की बात कही, पर जयकिशन को यह अजीब लगा. लेकिन शम्मी जयकिशन के अच्छे दोस्तों में से थे. वह चाह कर भी उनकी बात टाल नहीं पाये और गाने में याहू जुड़ गया. शम्मी की बात सही साबित हुई और सुबोध मुखर्जी निर्देशित फिल्म की गीत का ‘याहू’ शब्द शम्मी का ट्रेडमार्क स्टाइल बन गया. और इस तरह से शम्मी कपूर का यह गाना भी बॉलीवुड में छा गया.