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बोले ”किंग खान” शाहरुख- मेरा परिवार अपने आप में एक हिंदुस्तान है…

जालंधर: पंजाबी फिल्म के निर्माण की इच्छा जताते हुए हिंदी फिल्मों के अभिनेता शाहरुख खान ने कहा है कि उनके घर में नमाज भी अदा की जाती है और पूजा भी होती है और उनके बच्चे यह दोनों सीख रहे हैं और यही मेरे परिवार की खूबसूरती भी है. अपनी आगामी फिल्म ‘जब हैरी मेट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2017 3:49 PM

जालंधर: पंजाबी फिल्म के निर्माण की इच्छा जताते हुए हिंदी फिल्मों के अभिनेता शाहरुख खान ने कहा है कि उनके घर में नमाज भी अदा की जाती है और पूजा भी होती है और उनके बच्चे यह दोनों सीख रहे हैं और यही मेरे परिवार की खूबसूरती भी है. अपनी आगामी फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ का प्रचार करने जालंधर आए शाहरुख ने कहा, ‘मेरा परिवार अपने आप में एक हिंदुस्तान है. जैसा धर्मनिरपेक्ष माहौल देश में है, वैसा ही मेरे घर में भी है. मेरे परिवार की सबसे बडी खूबसूरती यही है कि घर में पूजा भी होती है और नमाज भी पढी जाती है.’

बालीवुड में बादशाह के नाम से चर्चित शाहरुख ने कहा, ‘दोनों एक साथ होता है. मैं नमाज सिखाता हूं और पूजा (पत्नी) गौरी सिखाती हैं. बच्चों को दोनों सीखनी पडती है. हालांकि, हमारी विचारधारा एक है और इसको लेकर कभी किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं हुआ है.’ आर्यन के बारे में उन्होंने कहा कि उसकी रुचि फिल्म में काम करने की बजाए फिल्म निर्माण में अधिक है. बेटी अभिनय करना चाहती है लेकिन इसके लिए वह अभी छोटी है.

यह पूछने पर कि आप सिने क्षेत्र में बुलंदियों पर हैं तो आपको लगता है कि अभी भी कुछ काम करना बाकी रह गया है, शाहरुख ने कहा, ‘दुनिया भर में पंजाबी फिल्मों की लोकप्रियता बढ रही है और मुझे लगता है कि मौका मिलने पर मुझे भी पंजाबी सिनेमा जरुर बनाना चाहिए. पंजाबी फिल्म बनाने की तमन्ना है और मैं ऐसा जरुर करुंगा लकिन कब यह अभी नहीं कह सकता हूं.’ उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय फिल्मों की कहानी संस्कृति के ज्यादा निकट होती है. जड से जुडी हुई होती है जबकि बालीवुड में तकनीक अधिक होता है.

किंग खान शाहरुख ने कहा,’ मैं तकनीक का इस्तेमाल करके फिल्म बनाना चाहता हूं. हमारी फिल्मों में तकनीक की बहुत कमी है और यदि ऐसा ही रहा तो हम अपने युवा दर्शकों को खो देंगे. फिल्मों का स्तर मैं अंतरराष्ट्रीय करना चाहता हूं और यह मेरी दिली ख्वाहिश है. यह पूछे जाने पर कि बच्चे जब बडे हो गए थे तब अबराम का परिवार में आना चुनौती नहीं लगा, इस पर शाहरुख ने हंसते हुए कहा, ‘बच्चे बडे हो गए. पढाई करने के लिए बाहर चले गए. परिवार सूना हो गया तो इसके बाद हमने अबराम को परिवार में लाने की सोची. यह कोई चुनौती नहीं है.’

अमरनाथ यात्र‍ियों पर हुए हमले की निंदा करते हुए शाहरुख ने कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. यह दुखदायी घटना है और मैंने इस बारे में ट्वीट करके भी अपना दुख जताया था. मुझे खुशी है कि आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को दरकिनार कर लोगों ने यात्रा जारी रखी. धर्म से जो विश्वास पैदा होता है, उसे कोई भी बुराई या फिर कोई भी आतंकवादी हमला डिगा नहीं सकता है.

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