अरे ये क्या: युवा एक्टर्स के बारे में क्या कहा अनिल कपूर ने, पढ़ें बातचीत के प्रमुख अंश
तीन दशकों से भी ज्यादा समय से इंडस्ट्री में सक्रिय अनिल कपूर अपनी मेहनत के साथ अपने नसीब को भी क्रेडिट देना नहीं भूलते, जो उन्हें लगातार फिल्में मिल रही हैं. उनका कहना है कि उनके पास ऐसी फिल्मों की लंबी लिस्ट हैं, जिनके सीक्वल में काम करके वह दस वर्षों तक और इंडस्ट्री में […]
तीन दशकों से भी ज्यादा समय से इंडस्ट्री में सक्रिय अनिल कपूर अपनी मेहनत के साथ अपने नसीब को भी क्रेडिट देना नहीं भूलते, जो उन्हें लगातार फिल्में मिल रही हैं. उनका कहना है कि उनके पास ऐसी फिल्मों की लंबी लिस्ट हैं, जिनके सीक्वल में काम करके वह दस वर्षों तक और इंडस्ट्री में बने रह सकते हैं. अनिल जल्द ही फिल्म मुबारकां में भतीजे अर्जुन कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करते दिखेंगे. बातचीत के प्रमुख अंश.
इलियाना डिक्रूज का कहना है कि ‘मुबारकां’ के असली स्टार आप ही हैं?
(हंसते हुए) यह तो उसका बड़प्पन है. पूरी टीम होती है, जो किसी फिल्म को हिट बनाती है. आपकी टीम अच्छी नहीं है, तो फिर आपकी फिल्म अच्छी नहीं है. मुबारकां की टीम जबरदस्त है. कहानी, स्क्रिप्ट, डायलॉग, म्यूजिक सब कमाल हैं, जिनका असर आपको दिखेगा.
इतने दशकों में कॉमेडी में क्या बदलाव पाते हैं?
अलग-अलग तरह की कॉमेडी फिल्में हमारे सामने आती रही हैं. मुबारकां की बात करूं, तो यह सिचुएशनल कॉमेडी है. स्लैपस्टिक नहीं है. सभी किरदार रियल लाइफ से लिये गये हैं. उसी में इंटरटेन करने की कोशिश की गयी है. यही फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है.
एडल्ट कॉमेडी पर क्या राय है?
मुझे रियल कॉमेडी पसंद है. मिस्टर इंडिया में जैसे वह कॉक्रोचवाला सीन था. नो एंट्री, वेलकम जैसी फिल्मों में कॉमेडी करना वाकई मजेदार था. रियल सिचुएशनल कॉमेडी, मुझे लगता है कि दर्शक भी वही पसंद करते हैं. वह उनके जेहन में काफी अरसे तक रह जाती हैं.
पोस्टर में आप पंजाबी गेटअप में दिख रहे हैं. कैसी सिचुएशन क्रिएट की गयी है?
फिल्म तनु वेड्स मनु देखी है. एक माहौल होता है. एनआरआइ फिल्में देख-देख कर थक गये. अब सभी को असल लोगों की असल सिचुएशन में कहानी को देखना है. यही वजह है कि कहानी अब रियल लोकेशन और रियल लोगों तक पहुंच गयी है. कैरिकेचर नहीं है. यही वजह है कि यह फिल्म पंजाबी किरदारों पर बेस्ड है. आजकल माहौल क्रिएट करना जरूरी है.
आपके भतीजे अर्जुन कपूर पहली बार आपके साथ स्क्रीन शेयर कर रहे हैं, यह कैसा रहा?
मैं तो काफी शॉक्ड हो गया, क्योंकि उसने बहुत मेहनत की है. मेरे लिए तो अर्जुन वही बच्चा है, जिसे गाडियों, खिलौने और चश्मे से बहुत प्यार था. खूब खाता था. एक्टर बनेगा, मैंने सोचा नहीं था. उसने शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर से की थी. मुझे लगा वह डायरेक्टर बनेगा, लेकिन वह तो कमाल का एक्टर बन गया.
युवा कलाकारों में आप क्या खास पाते हैं?
हमसे कई गुना टैलेंटेड आज के कलाकार हैं. हम जब युवा थे, तो इतने टैलेटेंड नहीं थे. अब परफॉर्मेस से लेकर मार्केटिंग तक में एक्टर्स को काम करना पड़ता है. यही वजह है कि आज के एक्टर एक वक्त में एक ही फिल्म में काम कर पाते हैं. मैं तो चार-चार फिल्में करता था एक साथ, लेकिन अब देखिए एक स्टार मुश्किल से दो फिल्में ही कर सकता है, क्योंकि फिल्मों में उनका बहुत ज्यादा इन्वॉलमेंट होता है.
कहा जाता है कि नये अभिनेताओं को वह स्टारडम नहीं मिल सकता, जो आपलोगों ने देखी है?
ऐसा कुछ नहीं है. राजेश खन्ना साहब जब आये थे, तो भी सबने यही कहा था कि लेकिन उसके बाद अमिताभ आये, शाहरुख, आमिर, सलमान आये. फिर कोई आयेगा. इनसे भी बड़ा.
पहली बार स्टारडम कब अनुभव किया?
एक तेलुगू फिल्म की थी. तब बॉलीवुड में काम नहीं मिल रहा था. परेशान था. शिरडी में साईं बाबा दर्शन के लिए गया. वहां आंध्र प्रदेश से एक बस आयी थी, जिसमें ढेरों लड़के-लड़कियां थीं. उन्होंने मुझे घेर लिया. उन्होंने मेरी वह तेलुगू फिल्म देखी थी. सभी ऑटोग्राफ मांगने लगे. मैं समझ गया कि बाबा का आशीर्वाद मिल गया. उसके बाद मैंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.
‘मिस्टर इंडिया’ के सीक्वल की चर्चा है?
मेरी फिल्मों पर कई सीक्वल फिल्में बन सकती हैं. वेलकम, नो एंट्री, मिस्टर इंडिया ये सब उसी लिस्ट में आती हैं. सिर्फ अपनी उन सीक्वल फिल्मों के दम पर मैं इंडस्ट्री में और एक दशक काम कर सकता हूं.
आपके आनेवाले प्रोजेक्ट?
फिलहाल तो ‘फन्ने खां’ की शूटिंग कर रहा हूं.