नागपुर: ‘इंदु सरकार’ फिल्म के प्रमोशन के एक कार्यक्रम को फिल्मनिर्माता मधुर भंडारकर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के रोष को देखते हुए रद्द कर दिया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा फिल्म दिखाने की मांग पर फिल्मनिर्माता का कहना है कि फिल्म रिलीज होने से पहले यह अधिकार सिर्फ उनके पास है कि वह किसे फिल्म दिखायेंगे और किसे नहीं. भंडारकर ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ट्वीट करते हुए पूछा है कि क्या वह इस तरह की गुंडागर्दी की अनुमति देते हैं. मुंबई जाने के दौरान यहां हवाईअड्डे पर उन्होंने बात करते हुए कहा वह सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म में सुझाए गए कट के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा,’ मैं पहले ही कह चुका हूं कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म से कुछ अंश हटाने को कहा है. लेकिन मैंने यह मांग नहीं मानी है और हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और ट्रिब्यनल जाएंगे. फिल्मनिर्माता ने कहा,’ फिल्म दिखाने की मांग गलत है. मैं फिल्म इंडस्टरी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करनेवाले लोगों से इस फिल्म का समर्थन करने की अपील करता हूं.’ उन्होंने कहा, वे लोग तीन मिनट का ट्रेलर देखकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जबकि फिल्म 70 फीसदी कल्पना और 30 फीसदी किताबों, डॉक्यूमेंटरी और आटर्कल्सि पर आधारित है.
फिल्मनिर्माता ने कहा है कि उन्होंने किसी की छवि खराब करने के लिए यह फिल्म नहीं बनाई है. इससे पहले यहां प्रस्तावित संवाददाता सम्मेलन वाले स्थल पर कांग्रेस कार्यकर्ता फिल्म में कथित तौर पर अपमानजनक विषयवस्तु के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे थे. इसे देखते हुए भंडारकर ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था. कांग्रेस ने भी इस फिल्म पर यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि इसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी को खराब छवि में दिखाया गया है. भंडारकर को रविवार को पुणे में भी फिल्म प्रचार के एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के गुस्से का सामना करना पडा था. उसके बाद कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया था.
नागपुर में कार्यक्रम रद्द करने के बाद भंडारकर ने राहुल गांधी को यह कहते हुए ट्वीट किया, पुणे के बाद मैं नागपुर में संवाददाता सम्मेलन रद्द कर चुका हूं. क्या आप इस तरह की गुंडागर्दी को सहमति देते हैं. क्या मैं अपने अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उपयोग कर सकता हूं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ता भंडारकर से मिलने के लिए कार्यक्रम स्थल पर इंतजार कर रहे थे. लेकिन जब कार्यकर्ताओं को पता चला कि फिल्मनिर्माता यहां नहीं आने वाले हैं तो कार्यकर्ता उस होटल में चले गए, जहां पर भंडारकर ठहरे हुए थे. लेकिन कार्यकर्ताओं के होटल पहुंचने से पहले ही भंडारकर वहां से जा चुके थे.
महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा, भारत की जनता दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि खराब करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा, अगर निर्माताओं के पास फिल्म के बारे में कुछ भी छुपाने के लिए नहीं है तो उन्हें पहले यह फिल्म कांग्रेस नेताओं और गांधी परिवार के सदस्यों को दिखानी चाहिए.’ नागपुर शहर के कांग्रेस प्रमुख विकास ठाकरे ने कहा, हमलोग भंडारकर से मिलना चाहते थे और यह जानना चाहते थे कि वह यह फिल्म संबंधित कांग्रेस नेताओं को क्यों नहीं दिखा रहे हैं. वह क्या छुपा रहे हैं? हालांकि हम लोंगों से मिलने से पहले वह शहर से चले गए थे.