महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा: दत्त को नियमों के अनुरुप जल्दी रिहा किया गया

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने अभिनेता संजय दत्त को 1993 के बम विस्फोट मामले में दी गयी सजा की अवधि से आठ महीने पहले रिहा करने के अपने फैसले को जायज ठहराते हुए आज बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि ऐसा नियमों के अनुरुप किया गया और दत्त के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं हुआ है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2017 11:04 AM

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने अभिनेता संजय दत्त को 1993 के बम विस्फोट मामले में दी गयी सजा की अवधि से आठ महीने पहले रिहा करने के अपने फैसले को जायज ठहराते हुए आज बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि ऐसा नियमों के अनुरुप किया गया और दत्त के साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं हुआ है. हथियार रखने के जुर्म में दत्त को पांच साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी. ये हथियार 1993 के विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए हथियारों के जखीरे का हिस्सा थे.

इस मामले में मुकदमे की सुनवाई के दौरान जमानत पर बाहर रहे अभिनेता ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अपनी दोषसिद्धि बरकरार रखने के बाद मई, 2013 में आत्मसमर्पण किया था. दत्त को पुणे के येरवदा जेल में रखा गया था और अच्छे आचरण को देखते हुए सजा पूरी होने से आठ महीने पहले ही फरवरी, 2016 में रिहा कर दिया गया था. सरकार ने न्यायमूर्ति आर एम सावंत और न्यायमूर्ति साधना जाधव की पीठ को सौंपी गयी रिपोर्ट में कहा कि दत्त को उनके ‘अच्छे आचरण, अनुशासन एवं शारीरिक अभ्यास, शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे विभिन्न संस्थागत गतिविधियों में हिस्सा लेने तथा आवंटित काम करने के लिए’ सजा में छूट दी गयी.

यह रिपोर्ट पुणे के रहने वाले प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका के जवाब में अदालत को सौंपी गयी. इस याचिका में दत्त को कैद के दौरान कई बार पैरोल तथा फरलो दिये जाने पर भी सवाल किए गए हैं. भालेकर ने याचिका में आरोप लगाया है कि दत्त को सजा में छूट देकर कारागार विभाग ने अनुचित लाभ दिया. उच्च न्यायालय ने रिपोर्ट के अवलोकन के बाद इस याचिका पर आगे सुनवाई दो सप्ताह बाद करने का निश्चय किया है.

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