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नसीरुद्दीन शाह की आत्मकथा And Then One Day में छिपे हैं उनके जीवन के कई राज

-रजनीश आनंद- नसीरुद्दीन शाह भारतीय फिल्म उद्योग के ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी. वे एक शानदार अभिनेता थे, उन्होंने हर तरह की भूमिका निभाई और जिस भी कैरेक्टर को उन्होंने निभाया, लोगों को ऐसा लगा कि यह एक्टिंग नसीर के अलावा और कोई कर ही नहीं […]

-रजनीश आनंद-

नसीरुद्दीन शाह भारतीय फिल्म उद्योग के ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी. वे एक शानदार अभिनेता थे, उन्होंने हर तरह की भूमिका निभाई और जिस भी कैरेक्टर को उन्होंने निभाया, लोगों को ऐसा लगा कि यह एक्टिंग नसीर के अलावा और कोई कर ही नहीं सकता था. उन्होंने निशांत, आक्रोश, स्पर्श, मिर्च-मसाला, मंडी और अर्द्धसत्य जैसी फिल्में की, तो इजाजत, त्रिदेव, मासूम, मोहरा और गुलामी जैसी फिल्में भी कीं.

नसीरुद्दीन शाह ने जब अपनी आत्मकथा लिखने की सोची तो वे अकसर अपने विचारों को कागज पर उतारते थे. जब उन्होंने सौ पेज लिख लिया, तो उसे लेकर वे अपने मित्र इतिहासकार रामचंद्र गुहा के पास पहुंचें, उन्होंने शाह को प्रेरित किया और कहा कि इसे किसी प्रकाशक के पास भेजें और इस तरह शाह की आत्मकथा प्रकाशित हुई. इस आत्मकथा And Then One Day में कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में लोग कम जानते हैं, जबकि वे उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं. इस आत्मकथा की शुरुआत नसीर के बचपन से हुई है और अंत रत्ना पाठक के साथ शादी और बेटी हिबा की वापसी से हुई है.
नसीर के पिता के साथ सहज रिश्ते नहीं थे
नसीरुद्दीन शाह के रिश्ते उनके पिता के साथ बहुत अच्छे और सहज नहीं थे. उनके पिता यह नहीं चाहते थे कि नसीर पढ़ाई छोड़कर एक्टिंग की दुनिया में आयें, इसलिए वे हमेशा नाराज रहते थे. शाह ने लिखा है कि जब मैं पिता बना तो उन्हें ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सका.
मात्र 19 वर्ष की उम्र में नसीर ने की थी शादी
नसीरुद्दीन ने मात्र 19 वर्ष की आयु में शादी कर ली थी. उन्होंने एक पाकिस्तानी युवती परवीन से शादी कर ली, जो उस वक्त 34 साल की थीं और उनके साथ अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं. शादी के मात्र 10 महीने बाद ही उनकी पत्नी ने एक बेटी हिबा को जन्म दिया, लेकिन इनकी शादी चल नहीं पायी और परवीन बेटी के साथ भारत छोड़कर चलीं गयीं.

अपनी बेटी से 12 साल तक नहीं मिले शाह
नसीर ने अपनी आत्मकथा में हर बात को ईमानदारी से लिखा है. उन्होंने अपनी बेटी के साथ रिश्तों को भी सहजता से बताया है. किस तरह वे अपनी शादी और पितृत्व को बोझ समझते थे, जिसके कारण उनकी पत्नी उन्हें छोड़ बच्ची के साथ चली गयी और वे अपनी बेटी से 12 वर्षों तक नहीं मिले. हालांकि इस आत्मकथा में इस बात का भी उल्लेख है कि जब हिबा वापस आयीं, तो उनके अपने पिता के साथ कैसे संबंध थे.

गांजा ने नसीरुद्दीन को बनाया ‘इंटेलीजेंट’
नसीरुद्दीन ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि गांजे की आदत ने उन्हें ‘इंटेलीजेंट’ बनाया. उन्होंने कहा कि स्मोकिंग की आदत ने उनपर हमेशा सकारात्मक प्रभाव डाला. वे गांजा का सेवन करते थे इस बात को बेबाकी से स्वीकार करने के कारण उनकी आलोचना भी हुई है, लेकिन उनका कहना है कि मैं किसी को इसके लिए प्रेरित नहीं करता कि आप भी गांजा पीयें. मैंने बस अपनी बात कही है.

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