मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी की आगामी फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ के निर्देशक कुशान नंदी का कहना है कि कि फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा ‘ए’ सर्टिफिकेट देने से उन्हें कोई असर नहीं पड़ता लेकिन फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा 48 कट के सुझाव को वह चुनौती देंगे. सह निर्माता किरण श्रॉफ ने भी आरोप लगाया कि सेंसर बोर्ड के कुछ सदस्यों ने फिल्म पर चर्चा करने के दौरान उनके बारे में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया.
कुशान ने कहा, ‘उन्होंने मुझे कट की जो सूची दी है वह लापरवाही और उत्पीड़न का रवैया दर्शाता है. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के एक सदस्य ने मुझसे यहां तक कहा कि यह फिल्म मैंने क्यों बनाई.’ कुशान ने आरोप लगाए,’ समिति की एक महिला ने किरण से यहां तक कहा कि खुद महिला होकर उन्होंने यह फिल्म क्यों बनाई. जवाब में कुछ पुरुषों ने कहा चूंकि उन्होंने पैंट-शर्ट पहनी है, इसलिए उन्हें महिला नहीं कहा जा सकता. हम कुछ कहने की हालत में नहीं थे. यह उत्पीड़न है.’
निर्देशक ने कहा कि उन्होंने सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी से मुलाकात की लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि कट के साथ फिल्म को मंजूरी मिल गई. वहीं फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि दृश्यों में अपशब्दों का इस्तेमाल चरित्रों को विश्वसनीय दिखाने के लिए किया गया है.
फिल्म एक भाड़े के हत्यारे के बारे में है. नवाजुद्दीन ने कहा, ‘ जब स्थिति यह है कि :सीबीएफसी के नियमों का हवाला देते हुए: आप सुधार से भी डरे हुए हैं और कुछ गलत कहते हैं तो यह भयावह स्थिति है.’ अभिनेता ने कहा कि किसी भी फिल्म में चरित्र इलाके की भाषा बोलता है ताकि वह विश्वसनीय दिखे.