नयी दिल्ली : सरकार ने सेंसर बोर्ड का पुनर्गठन किया है. प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष और विद्या बालन को उसका सदस्य बनाया गया है. 39 साल की उम्र में विद्या बालन के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.विद्याबालन ने अपनेचयनके फैसले का स्वागत करते हुएकहाहै कि सीबीएफसीसे जुड़ कर उन्हें काफी खुशी होगी, उन्होंने कहा कि सदस्य के रूप में मैं अपनी जिम्मेवारियों को पूरा करने की कोशिश करूंगी.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री विद्या बालन की योग्यता व क्षमता पर केंद्र में काबिज भाजपा सरकार ने ही सिर्फ भरोसा नहीं किया है, बल्कि जब कांग्रेस केंद्र में सरकार में थी, तब भी उन्हें स्वच्छता का ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया था और वे अभी स्वच्छता के लिए ब्रांड एंबेसेडर हैं.
कुछ माह पूर्व उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व भी अखिलेश यादव ने उनसे अपनी सरकार के कामकाज के पक्ष में प्रचार करवाया था. मूलत: मलयाली विद्या बालन शानदार हिंदी बोलती हैं और उन्होंने फिल्म डेब्यू परिणीता के साथ 2005 में किया था. यह फिल्म काफी सराही गयी थी. इसके बाद भी राजकुमार हिरानी की फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई में उनके काम की काफी सराहना हुई.
बाद के सालों में उनकी एक से बढ़ कर एक महिला प्रधान फिल्म आयी और उन्होंने बॉलीवुड में एक ऐसी अभिनेत्री की छवि बना ली, जिन्हें अपनी फिल्में चलाने के लिए हीरो की जरूरत नहीं. उनके दौर में ऐसी दूसरी अभिनेत्री कंगना रनौट ही हैं. नसीरुद्दीन शाह के साथ उनकी फिल्म डर्टी पिक्चर काफी चर्चित रही. फिल्म में आने से पहले उन्होंने टीवी के लिए लंबे समय तक काम किया.