मेलबर्न: फिल्म निर्माता-निर्देशक करन जौहर ने लोकप्रिय फिल्मी संस्कृति पर भले ही अपनी एक छाप छोडी है, लेकिन उनका मानना है कि भारतीय सिनेमा में उन्हें अभी उल्लेखनीय योगदान देना बाकी है. जौहर (45) ने ‘लगान ‘ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई ‘ जैसी फिल्मों का निर्देशन करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, ‘ ‘मैंने भले ही लोकप्रिय संस्कृति में योगदान दिया होगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैंने अब तक सिनेमा में कोई उल्लेखनीय योगदान दिया है.’
उन्होंने मेलबर्न के भारतीय फिल्मोत्सव में कहा, ‘मुझे अभी अपनी ‘लगान’ या ‘रंग दे बसंती’ या ‘लगे रहो…’ फिल्म बनानी है, जिनके बारे में मेरा मानना है कि ये शानदार फिल्में हैं. ‘ जौहर ने ‘बाहुबली’ फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा, ‘ ‘हमें नयापन लाने की जरुरत है… कलाकारों पर निर्भरता घटानी होगी. विषय वस्तु को प्रमुखता देनी होगी.’
उन्होंने आमिर खान की सराहना करते हुए उन्हें फिल्म जगत में खासतौर पर ‘दंगल’ फिल्म के बाद सबसे मेधावी अभिनेता बताया कि वह उनके साथ काम करना चाहते हैं लेकिन कोई ठोस चीज नहीं मिली है. मैं उन्हें खराब फिल्म देने वालों में शामिल नहीं करना चाहता.’
जौहर की नई फिल्म उनके पांच महीने के जुडवां बच्चों को समपर्ति होगी. उन्होंने गीतकार प्रसून जोशी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर कहा कि यह कदम फिल्मों को सेंसर करने की बजाय उनके प्रमाणन में बदलाव लाने की जरुरत को पूरा करेगा.