”पद्मावती” के विरोध में राजपूत करणी सेना, सेट पर तोड़-फोड़ के बाद अब किया ये दावा…
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को एक बार फिर विरोध सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को फिल्म का फर्स्टलुक जारी कर दिया गया जिसमें दीपिका पादुकोण ‘रानी पद्मावती’ के रॉयल लुक में नजर आ रही हैं. फर्स्टलुक रिलीज होते ही राजपूत समुदाय के संगठन राजपूत करणी सेना ने फिल्म का विरोध करना शुरू […]
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को एक बार फिर विरोध सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को फिल्म का फर्स्टलुक जारी कर दिया गया जिसमें दीपिका पादुकोण ‘रानी पद्मावती’ के रॉयल लुक में नजर आ रही हैं. फर्स्टलुक रिलीज होते ही राजपूत समुदाय के संगठन राजपूत करणी सेना ने फिल्म का विरोध करना शुरू कर दिया. राजपूत करणी सेना का कहना है कि अगर भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो वे लोग इस फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध करेंगे. फिल्म में रणवीर सिंह और शाहिद कपूर भी मुख्य भूमिका में हैं.
राजपूत करणी सेना के संरक्षक और संस्थापक लोकेंद्र सिंह काल्वी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा,’ लगभग 20 दिन पहले भंसाली की टीम की ओर से किसी ने फोन किया था और हमलोगों को फिल्म देखने को कहा था. लेकिन, हमने उन्हें फिल्म इतिहासकारों और बुद्धिजीवियों को दिखाने के लिए कहा. इसके बाद से हमारी उनके साथ बात नहीं हुई.’ पहले भी राजस्थान में शूटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना ने फिल्म का विरोध किया था और सेट पर जमकर तोड़फोड़ की थी.
फिल्म पद्मावती की कहानी व जयपुर में उसकी शूटिंग के बाद उत्पन्न विवाद पर राजपूत करणी सेना ने अपना बयान जारी कर कहा था कि राजस्थान के इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का कहना है कि मेरे लिए यह डूब मरने वाली बात है अगर इस तरह की चीजों को बर्दाश्त करें.
बता दें कि फिल्म में दीपिका पादुकोण, रानी पद्मावती के किरदार में नजर आयेंगी. वहीं रणवीर सिंह दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी और शाहिद कपूर पद्मावती के पति राजा रावल रतन सिंह के किरदार में दिखाई देंगे. काल्वी का कहना है कि, ‘हम किसी भी कीमत पर फिल्म में विकृत तथ्यों को दिखाये जाने की अनुमति नहीं देंगे साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि फिल्म देश के आधे हिस्से में प्रदर्शित न हो सके.’
करणी सेना ने यह दावा किया है कि किसी भी किताब में यह नहीं लिखा है कि 13वीं-14वीं सदी में दिल्ली के खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी को पद्मावती से प्यार हुआ था या वह उनका प्रेमी था. करणी सेना के एक कार्यकर्ता का कहना है कि कि ‘ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करके पद्मावती को बदनाम करने की कोशिश का जा रही है. यह स्वीकार्य नहीं है.’