पिछले काफी समय से कंगना रनौत और रितिक रोशन का विवाद जारी है. कंगना ने सार्वजनिक मंच पर कई बार रितिक पर आरोप लगाये और उनके साथ अपने रिलेशनशिप को लेकर खुलकर बातें की. हालांकि रितिक ने कभी कंगना के बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन अब रितिक ने फेसबुक पर खुलकर अपने दिल की बात रख दी है. उन्होंने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो कभी भी कंगना से अकेले नहीं मिले हैं और उनके साथ उनका कभी कोई अफेयर नहीं रहा है.
रितिक रोशन ने फेसबुक पर लिखा:
1. सच्चाई यह है कि मैं अपनी जिंदगी में उसस महिला से अकेले नहीं मिला हूं. हां, मैंने साथ में काम किया है, लेकिन इसके अलावा अकेले में कभी उनसे मुलाकात नहीं की. यहीं सच्चाई है.
2. प्लीज समझिये, मैं एक कथित अफेयर के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं. ना ही ‘good guy’ वाली छवि के लिए लड़ रहा हूं. मुझे अपनी गलतियों के बारे में पता है और मैं भी एक इंसान हूं.
3. दो हाई प्रोफाइल सेलीब्रिटीज के बीच 7 साल से अफेयर का आरोप है लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. पैपराबाजी ने कोई तसवीर भी क्लिक नहीं की है, कोई गवाह नहीं है, न ही दोनों ने साथ में कोई सेल्फी ली है, जैसा कि 2014 में पेरिस में दोनों के मुलाकात के बारे में दावा किया जा रहा है. ऐसा कुछ भी नहीं है जो रोमांटिक रिलेशनशिप के दावों को पुख्ता कर सके. मेरे पासपोर्ट में का कोई ऐसा डिटेल नहीं है जोयह दर्शाता हो कि मैंने साल 2014 में कोई विदेश यात्रा की हो.
4. इस रिलेशनशिप को साबित करने के लिए मीडिया के पास सिर्फ तथाकथित फोटोशॉप की हुई तसवीरें है, जिसे तुरंत ही एक्सपोज किया जा चुका है. इन अरोपों को लेकर मेरी तरफ से कोई सवाल नहीं पूछे गये क्योंकि हमें महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सिखाया गया है. मेरे पेरेंट्स ने मुझे ऐसे ही संस्कार देकर बड़ा किया है, मैं उनका शुक्रगुजार हूं. मैं अपने बच्चों को भी यही सिखाऊंगा कि वो महिलाओं के लिए स्टैंड लेना सीखें.
5. मेरे पास एक ही तरफ से भेजे गए 3000 मेल हैं जिन्हें ना तो मैंने भेजा है और ना ही आरोप लगाने वाली महिला ने. जो भी कहानी है उसे कुछ ही दिनों में साइबर क्राइम डिपार्टमेंट साबित कर देगा. इसी वजह से मैंने अपना लैपटॉप और मोबाइल फोन के साथ-साथ अपने सारे डिवाइस साइबर सेल के हवाले कर दिया है. लेकिन आरोप लगाने वाली पार्टी ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है.
6. मैं फिर से दोहराना चाहूंगा कि ये दो लवर्स के बीच की लड़ाई नहीं है. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि इसे लेबल करना बंद करें और कुछ सेकेंड के लिए इस बारे में सोचे और समझे कि आखिर सच्चाई क्या है.
7. इसकी वजह से चार सालों से मेरा शोषण हो रहा है और समाज में महिलाओं को लेकर जो पक्षपाती नजरिया है, इस कारण मैं खुद अपना बचाव नहीं कर पा रहा हूं.
8. मैं गुस्सा नहीं हूं और शायद ही मैंने अपनी जिंदगी में कभी ज्यादा गुस्सा किया है. मैंने अपनी पूरी जिंदगी में किसी पुरुष और महिला से लड़ाई नहीं की है. मेरे तलाक के दौरान भी लड़ाई नहीं हुई. मैं और मेरे आसपास के लोग हमेशा शांति बनाये रखने में विश्वास रखते हैं.
9. मैं ये बातें कहकर किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं और न ही जज कर रहा हूं. इसबार मैं सच्चाई का बचाव कर रहा हूं क्योंकि जब सच्चाई को कष्ट होता है तो उसके समाज को भी पीड़ा होती, सभ्यता को पीडा होती है, करीबियों को पीड़ा होती है परिवार को पीड़ा होती है, बच्चों को पीड़ा होती है.