बोले अनुपम खेर- सिनेमाघरों में टिकट के लिए खड़े हो सकते हैं तो राष्ट्रगान के लिए क्यों नहीं
पुणे : अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि यदि लोग रेस्तरां में इंतजार कर सकते हैं, सिनेमाघरों में टिकट के लिए लंबी कतारों में खड़े हो सकते हैं, या पार्टी के आयोजन स्थलों पर खड़े हो सकते है, तो फिर वे सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के लिए महज 52 सेकंड तक खडे क्यों नहीं हो सकते […]
पुणे : अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि यदि लोग रेस्तरां में इंतजार कर सकते हैं, सिनेमाघरों में टिकट के लिए लंबी कतारों में खड़े हो सकते हैं, या पार्टी के आयोजन स्थलों पर खड़े हो सकते है, तो फिर वे सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के लिए महज 52 सेकंड तक खडे क्यों नहीं हो सकते ?
खेर यहां दिवंगत भाजपा नेता प्रमोद महाजन मेमोरियल अवॉर्ड प्राप्त लेने के लिए आये थे. खेर के साथ-साथ तीन तलाक मामले में मूल याचिकाकर्ता शायरा बानो को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे दिवंगत भाजपा नेता के नाम पर रखा गया है. खेर ने अपने भाषण के दौरान, सिनेमाघरों के अंदर राष्ट्रगान को अनिवार्य रुप से बजाये जाने के विचार का विरोध करने वालों की जमकर आलोचना की.
अभिनेता ने कहा, कुछ लोगों का मानना है कि राष्ट्रगान के समय खडे होना अनिवार्य नहीं होना चाहिए, लेकिन मेरे लिए राष्ट्रगान के लिए खडे होना उस व्यक्ति की परवरिश को दिखाता है. खेर ने बताया, हम जिस तरह से अपने पिता या शिक्षक के सम्मान में खड़े होते हैं, ठीक उसी तरह राष्ट्रगान के लिए खड़ा होना अपने देश के प्रति सम्मान को दर्शाता है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यह पुरस्कार प्रदान किया. इस अवसर पर दिवंगत प्रमोद महाजन की बेटी और भाजपा सांसद पूनम महाजन भी वहां उपस्थित थीं.