सत्यजीत रे की बच्चों की कहानियों का नया अनुवाद

नयी दिल्ली : महान फिल्मकार सत्यजीत रे ने बच्चों के लिए कई कहानियां भी लिखी थीं और इस अद्भुत कथाकार की चार कहानियों को एक नए अनुवादित संग्रह में स्थान दिया गया है. ‘‘दी मैजिक मूनलाइट फ्लॉवर एंड अदर एनचैंटिंग स्टोरीज’’ में कई वर्गा की कहानियों जैसे कि काल्पनिक, परी कथा, विज्ञान-रोमांच इत्यादि का मिश्रण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2014 12:40 PM

नयी दिल्ली : महान फिल्मकार सत्यजीत रे ने बच्चों के लिए कई कहानियां भी लिखी थीं और इस अद्भुत कथाकार की चार कहानियों को एक नए अनुवादित संग्रह में स्थान दिया गया है. ‘‘दी मैजिक मूनलाइट फ्लॉवर एंड अदर एनचैंटिंग स्टोरीज’’ में कई वर्गा की कहानियों जैसे कि काल्पनिक, परी कथा, विज्ञान-रोमांच इत्यादि का मिश्रण है, जो राय की साहित्यिक क्षमता को प्रदर्शित करता है. राय ने बच्चों और बडे दोनों ही पाठकों के लिए एक बेहतरीन लेखक और चित्रकार के रुप में कहानियां गढी हैं.

मूलत: बंगाली से अनुवादित पुस्तक के लेखक अरुणाव सिन्हा की किताब में पहली कहानी सुजन हरबोला की है, एक लडका जो चिडियों से बात करता है. राय ने यह कहानी लडके को मिले नकल उतारने :मिमिक्री: के कुदरती तोहफे के इर्द-गिर्द बुनी है, ऐसी चिडियों और जानवरों की आवाज निकालना, जिसके बारे में शहरी क्षेत्रों में पढने वाले कई बच्चों ने शायद सुना तक ना हो. कल्पना की दुनिया में डुबकी लगाते हुए कहानी एक सामान्य लडके के जीवन से शुरु होकर एक राजकुमारी से शादी करने तक के उसके सफर को बयां करती है और यह सब उसे उसके कुदरती तोहफे के कारण मिलता है.

किताब में एक अन्य कहानी, ‘‘गंगाराम्स लकी स्टोन’’ में राय ईमानदारी के गुण और किसी के मानवता की देवी के प्रति विश्वास को दर्शाते हैं. पुस्तक में ‘‘दी ओगरे एंड दी प्रिंसेस’’ और ‘‘दी मैजिक मूनलाइट फ्लॉवर’’ दो अन्य कहानियां हैं. किताब में राय के कुछ मौलिक चित्रों को भी स्थान दिया गया है. राय खुद एक प्रकाशक, चित्रकार, लेखक, गा्रफिक डिजायनर और फिल्म आलोचक थे. उन्होंने हमेशा लोगों के जेहन में जीवित रहने वाले ‘फेलूदा’ जैसे जासूस और ‘प्रोफेसर शोंकू’ जैसे वैज्ञानिक के चरित्रों को बनाया.

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