टू स्टेट्स में है तमिल लड़की और पंजाबी लड़के का प्रेम

।।उर्मिला कोरी।। फिल्म: टू स्टेट्सनिर्देशक: अभिषेक बर्मन निर्माता: करन जौहरकलाकार:अर्जून कपूर, आलिया भट्ट, अमृता सिंह, रेवती, रोनित रॉय और अन्य संगीतकार: शंकर एहसान लॉयरेटिंग: ढाई उपन्यास पर अब तक कई फिल्में आ चुकी हैं इसी की अगली कड़ी इस सप्ताह रिलीज हुई चेतन भगत की टू स्टेट्स का फिल्मी रुपांतरण टू स्टेट्स है. टू स्टेट्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2014 5:56 PM

।।उर्मिला कोरी।।

फिल्म: टू स्टेट्स
निर्देशक: अभिषेक बर्मन
निर्माता: करन जौहर
कलाकार:अर्जून कपूर, आलिया भट्ट, अमृता सिंह, रेवती, रोनित रॉय और अन्य
संगीतकार: शंकर एहसान लॉय
रेटिंग: ढाई

उपन्यास पर अब तक कई फिल्में आ चुकी हैं इसी की अगली कड़ी इस सप्ताह रिलीज हुई चेतन भगत की टू स्टेट्स का फिल्मी रुपांतरण टू स्टेट्स है. टू स्टेट्स फिल्म की कहानी आईआईएम के कैंटिन से शुरु होती है. जहां अन्नया(आलिया) और कृष(अर्जून ) एक दूसरे से मिलते हैं. कैंटिन का खाना अन्नया को पसंद नहीं आता है. वह कैंटिन वाले से झगड़ती है जिसमे कृष आलिया का साथ देता है. दोनों एक दूसरे के दोस्त बन जाते है क्योंकि दोनों के कोई दोस्त नहीं होते हैं. यह बात समझ नहीं आती है कि आखिर दोनों का कोई दोस्त क्यों नहीं है.

खासकर अन्नया जैसी खूबसूरत और आत्मविश्वास से भरपूर लड़की का कोई दोस्त क्यों नहीं है.खैर फिर दोनों में प्यार हो जाता है. प्यार की अगली मंजिल शादी होती है इसलिए यह दोनों अपने अपने परिवार वालों को मनाने में जुट जाते हैं. तमिलियन अन्नया के सादगी पसंद माता पिता को मनाने के लिए कृष पहले चेन्नई जाता है फिर अन्नया पंजाबी सास ससुर को रिझाने के लिए दिल्ली जाती है. किस तरह से दोनों परिवार के बीच मनमुटाव के कारण दोनों के प्यार में दूरियां भी आ जाती है लेकिन आखिरकार हैप्पी एंडिग इनके प्यार को मिल ही जाती है. इसी सिंपल सी कहानी को फिल्म में खींचा गया है. बीच में बीच में कुछ रोचक प्रसंग जरुर है खासकर दोनों के परिवारवालों का एक दूसरे को लेकर छींटाकशी वाले प्रसंग. फिल्म की कहानी का अंत हजम नहीं होता है आखिरकार क्यों कृष के पिता में यह बदलाव आता है. जब पूरी जिंदगी वह अपने बेटे और पत्नी की परवाह नहीं करते हैं तो अंत में क्या हो जाता है.

नोवेल में कहानी जितनी रोचक लगती है परदे पर वह रोचकता नजर नहीं आती है.फिल्म में ह्यूमर की कमी नजर आती है. फिल्म की यूएसपी आलिया और अर्जून की केमिस्ट्री है. जो परदे पर आपका ध्यान खींचती है. अभिनय के मामले में अर्जून आलिया के मुकाबले कमतर रहे हैं. अमृता और रेवती दोनों ही अपने किरदार में जमे हैं. दोनों ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत को बखूबी जिया है. अन्य कलाकार भी ठीक रहे हैं. शंकर एहसान लॉय का संगीत फिल्म की कहानी के अनुरुप है. कुलमिलाकर जिन लोगों ने टू स्टेट्स उपन्यास पढा है. उन्हें यह फिल्मी रुपांतरण निराश करती है. फिल्म से बेहतर उपन्यास है.

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