गुजरात चुनाव में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी-कांग्रेस समेत कई पार्टियां इस फिल्म का विरोध कर रही हैं. वहीं गुजरात बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता आइके जडेजा ने इस फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने दावा किया है कि असल जिंदगी में कभी भी रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी की मुलाकात नहीं हुई थी.
जडेजा ने सेंसर को फिर से फिल्म देखने को कहा है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को चिट्टी लिखकर इस फिल्म को गुजरात चुनाव के बार रिलीज करने की मांग की है. फिल्म पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी के राजपूत नेताओं को यह फिल्म दिखानी चाहिये. राजपूत समाज के अप्रूवल के बिना इसे रिलीज करने से हिंसा भड़क सकती है.
तो क्या फिल्म ‘पद्मावती’ को रोक कर गुजरात चुनाव में माइलेज लेना चाहती है भाजपा?
जडेजा ने इस बात का भी दावा किया है कि क्षत्रीय समाज के कई प्रतिनिधियों ने पार्टी के सामने ऐसे साक्ष्य रखें हैं जिससे साबित होता है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा, गुजरात चुनाव के दौरान फिल्म की वजह से किसी भी तरह की कोई हिंसा ने फैले, इसलिए चुनिंदा राजपूत प्रतिनिधियों को फिल्म का कंटेंट दिखाना चाहिए.
महाराष्ट्र के बीजेपी सरकार के एक मंत्री जयकुमार रावल ने भी फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है. उन्होंने भी कहा है कि फिल्म में राजपूत समाज की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है. इससे समाज में अराजकता फैल सकती है.
बता दें कि ‘पद्मावती’ 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है. वहीं गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं. वहीं रणवीर अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में है और शाहिद कपूर पद्मावती के पति राजा रावल रतन सिंह के किरदार में होंगे.