Loading election data...

Film Review ”Tumhari Sulu”: सबकुछ कर सकती है 12वीं फेल सुलु

II उर्मिला कोरी II फ़िल्म: तुम्हारी सुलुनिर्देशक: सुरेश त्रिवेणीकलाकार: विद्या बालन, मानव कॉल, नेहा धूपिया, मलिश्का, विजय मौर्यारेटिंग: साढ़े तीन मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी पिछले कुछ महीनों से लगातार परदे पर आ रही है इस बार मुंबई के मध्यम वर्गीय परिवार को ‘तुम्हारी सुलु’ से परदे पर लाया गया है. सुलु विरार में रहने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2017 1:13 PM

II उर्मिला कोरी II

फ़िल्म: तुम्हारी सुलु
निर्देशक: सुरेश त्रिवेणी
कलाकार: विद्या बालन, मानव कॉल, नेहा धूपिया, मलिश्का, विजय मौर्या
रेटिंग: साढ़े तीन

मध्यम वर्गीय परिवार की कहानी पिछले कुछ महीनों से लगातार परदे पर आ रही है इस बार मुंबई के मध्यम वर्गीय परिवार को ‘तुम्हारी सुलु’ से परदे पर लाया गया है. सुलु विरार में रहने वाली महिला सुलोचना दुबे (विद्या बालन) की कहानी है. सुलु और उसका परिवार ज़िन्दगी की परेशानियों से लड़ते हैं लेकिन बेहतर ज़िन्दगी के लिए सपने देखना नहीं छोड़ते है. यही वजह है कि वह कभी टैक्सी का बिजनेस करना चाहती है तो कभी टिफ़िन का.

सुलु का किरदार आम मिडिल क्लास किरदार है. वह बारहवीं फेल भी है लेकिन उसका फलसफा है मैं कर सकती हूं. जो बहुत ही खास इस फ़िल्म और सुलु के किरदार को बना जाता है. अपने इसी फलसफे की वजह से वह रेडियो पर नाईट रेडियो जॉकी बन पॉपुलर हो जाती है लेकिन उसके ज़िन्दगी में यह बदलाव बहुत उथल-पुथल लेकर आ जाता है.

कैसे एक घरेलू महिला अपने परिवार की ज़रूरतों के लिए अपने सपनों को छोड़ देती है. यह फ़िल्म इस बात को भी बखूबी उकेरती है. कभी न हार मानने वाली सुलु क्या हार मान लेगी. यह फ़िल्म देखने पर ही मालूम होगा. फ़िल्म की कहानी को छोटे छोटे पलों के ज़रिए आगे बढ़ाती है. जिससे हर मिडिल क्लास महिला जुड़ाव महसूस करेगी.

फ़िल्म का फर्स्ट हाफ गुदगुदाता है हां सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी धीमी हो गयी है लेकिन विद्या की मौजूदगी इस खामी को ज़्यादा महसूस नहीं होने देती है.

अभिनय की बात करें तो यह विद्या की फ़िल्म है और वह पूरी तरह से उन्ही पर फोकस करती है. अपने उम्दा अभिनय से विद्या इस पहलू के साथ पूरी तरह से न्याय करती है. प्यारी सी पत्नी और माँ, मेहनती गृहणी हो या फिर सेक्सी आवाज़ वाली साड़ी वाली आरजे वह बखूबी किरदार के हर रंग को जीती हैं. इमोशनल सीन्स को भी वह अपने अभिनय से एक अलग ही लेवल पर ले जाती हैं.

मानव कौल का अभिनय भी तारीफ के काबिल है. उन्होंने विद्या का बखूबी साथ दिया है. नेहा धूपिया और विजय मौर्या ने भी अच्छा काम किया है बाकी के किरदार भी अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हैं. निर्देशक के तौर पर यह सुरेश त्रिवेणी की पहली फ़िल्म है लेकिन उन्होंने काम बहुत ही बेहतरीन किया है. इस फ़िल्म के ज़रिए उन्होंने मिडिल क्लास परिवार की ज़िंदगी को बहुत ही रीयलिस्टिक ढंग से उकेरा है.

फ़िल्म को देखते हुए महसूस होता है कि कैसे बॉलीवुड मिडिल क्लास की इन छोटी लेकिन चेहरे पर मुस्कान बिखरेने वाली बातों अपनीकहानी में अहमियत नहीं देता आया है. महिला टैक्सी चालक अपने पसंदीदा पाकिस्तानी सिंगर्स के गाने अपनी कार में नहीं सुनती है क्योंकि आजकल किसी भी बात पर विवाद हो जाता है.

निम्बू चम्मच दौड़, संगीत कुर्सी में जीतना कैसे एक आम मिडिल क्लास महिला अपनी बहुत बड़ी काबिलियत समझती है. इस बात को भी फ़िल्म में दर्शाया गया है. रेडियो प्रतियोगिता में प्रेसर कुकर की बजाय टीवी मांगना, रेडियो शो करते हुए मटर छीलना स्क्रिप्ट की ये छोटी छोटी बातें फ़िल्म को खास बना देती हैं.

फ़िल्म के गीत संगीत की बात करें तो हर गाना पूरी तरह से सिचुएशन में रचा बसा है. थिएटर से निकलने के बाद हम भले ही उन्हें गुनगुनाते नहीं है लेकिन वह कहानी को आगे बढ़ाते हैं. फ़िल्म का संवाद और सिनेमाटोग्राफी कहानी के साथ पूरी तरह न्याय करते हैं.

आखिर में ‘तुम्हारी सुलु’ ऐसी फिल्म है जो थिएटर से निकलने के बाद भी आपके चेहरे पर मुस्कान बरकरार रखती है और फिर विद्या का मैजिकल अभिनय इस फ़िल्म को और खास बना देता है. यह फ़िल्म पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version