जयपुर-चित्तौडगढ-सीकर-बीकानेर: संजय लीला भंसाली की आनेवाली फिल्म ‘पद्मावती’ के विरोध में सर्वसमाज और श्रीराजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने चित्तौडगढ किलें में पर्यटकों के प्रवेश को रोका और बीकानेर, जयपुर, सीकर में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के पुतले फूंके. चित्तौडगढ में सर्वसमाज के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने आज चितौडगढ़ दुर्ग के मुख्य दरवाजे पर धरना दिया और किले में पर्यटकों का प्रवेश रोका.
पुलिस अधीक्षक प्रशान कुमार खमेसरा ने बताया कि,’ किले को अधिकारिक रुप से बंद नहीं किया गया था. विरोध प्रदर्शन करने वालों ने हमें सूचित कर दिया था कि पर्यटकों के लिये किलें में आज प्रवेश को रोका जायेगा. किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिये सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किये गये थे.
8 दिनों से धरना जारी: चित्तौडगढ़ के सर्किल अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने बताया कि किले में पर्यटकों के लिये प्रवेश 5 बजे तक बंद रहा और शाही रेलगाडी पेलेस आन व्हील्स के पर्यटक चित्तौडगढ किला देखने नहीं आये. जब उनसे किले के आसपास फायरिंग की घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम घटना की जांच कर रहे हैं. जौहर स्मृति संस्थान के अध्यक्ष और सर्व समाज संगठन के सदस्य उम्मेद सिंह ने कहा कि पडान पोल में फिल्म पद्मावती पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पिछले आठ दिनों से धरना जारी है.
करणी सेना प्रमुख को मिली बम से उड़ाने की धमकी: राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष महीपाल सिंह मकराना ने आज दावा किया कि उन्हें पाकिस्तान से फोन पर धमकी मिली है. धमकी देने वाले ने कहा कि यदि फिल्म का विरोध नहीं रोका गया तो वो लोग लोकेंद्र सिंह कालवी को बम से उडा देंगे. उन्हें कराची से धमकी देने वाले ने 1993 के बम धमाके का हवाले देते हुए धमकी दी कि क्या वे घटना की पुनरावृत्ति चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम (मकराना) पहले से कह रहे है कि फिल्म में आतंकी संगठनों द्वारा निवेश किया गया है और इसकी जांच प्रर्वतन निदेशालय अथवा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से की जानी चाहिए.
पद्मावती का नृत्य करना गलत: सर्वसमाज संगठन और अन्य संगठनों के फिल्म मे रानी पद्मनी के रुप में कलाकार दीपिका पादुकोण द्वारा किये गये नृत्य को गलत बताया है. जयपुर के वैशाली नगर के एक मल्टीप्लेक्स के बाहर राजपूत समाज के सर्मथन में सर्वसमाज के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका. बीकानेर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने तुलसी सर्किल से जिला कलेक्ट्रेट तक एक रैली निकालकर भंसाली का पुतला फूंका और जिला प्रशासन को फिल्म को रिलीज न करने के लिये प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
भंसाली का पुतला फूंका: सीकर में करणी सेना के नेतृत्व में दो स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान फतेहपुर और लक्ष्मणगढ कस्बे में जुलूस निकालकर भंसाली का पुतला दहन किया गया. फतेहपुर में करणी सेना के कार्यकर्तायों ने संजय लीला भंसाली के पूतले की शव यात्रा निकालने के बाद भंसाली का पुतला फूंका. कार्यकर्ताओं ने बताया कि पद्मावती का इतिहास बडा ही गौरवशाली था. इसको गलत तरीके से दिखाने मंशा को पूरा नही होने दिया जायेगा. फिल्म रिलीज की गई तो राजपूत समाज ही नही सभी समाज मिलकर इसका विरोध करेंगे. इसी तरह लक्ष्मणगढ में अदालत के सामने पद्मावती फिल्म में जुटा चित्रण दिखाने के विरोध में संजय लीला भंसाली का पुतला जलाया गया.
अलवर में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने पद्मावती फिल्म पर निर्णय लेने के लिये केंद्र सरकार से प्रमुख इतिहासकारों की एक कमेटी गठित करने की मांग की है.
पैसा कमाने के लिए भावनाओं को आहत नहीं कर सकते: राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि उन्होंने समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली फिल्म की क्लिंपिग नहीं देखी है. लोगों के निराश होने और गुस्सा होने का कुछ ना कुछ कारण अवश्य होगा. फिल्म निर्माता के लिये यह उचित नहीं है कि पैसा कमाने के लिये किसी भी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचे. पूर्व राजघराने की सदस्य और बीकानेर से विधायक सिद्दी कुमारी ने कहा कि भंसाली को समस्या को आगे नहीं बढने देना चाहिए था. उन्हें फिल्म की शूटिंग से पहले पटकथा दिखानी चाहिए थी. उन्होंने राजपूत संस्कृति में घूमर नृत्य कभी नहीं देखा, जैसा कि फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है.
बता दें कि मार्च में चित्तौडगढ किले में राजपूत रानी पद्मिनी पैलेस में लगे तीन दर्पणों को कुछ अज्ञात शरारती तत्वों के समूह ने तोड़ दिया था.