नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार एक याचिका खारिज कर दी जिसमें बॉलीवुड फिल्म पद्मावती से कुछ आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने की मांग की गई थी. उच्चतम न्यायालय ने इसे समय पूर्व याचिका करार दिया जबकि संजय लीला भंसाली की फिल्म को लेकर विवाद जारी है.
इस बीच चंडीगढ में हरियाणा भाजपा ने अपने मुख्य मीडिया समन्वयक सूरज पाल अमू को नोटिस जारी किया. अमू ने संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये इनाम देने की घोषणा की थी. भाजपा ने जहां बयान से खुद को अलग रखा वहीं अमू ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर यह बयान दिया था और अगर पार्टी कहेगी तो वह इस्तीफा दे देंगे लेकिन अपने समुदाय का अपमान नहीं सहेंगे.इस बीच केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी ने कहा कि सेंसर बोर्ड संतुलित निर्णय करना चाहता है लेकिन इसके लिए और वक्त की जरुरत है.
उच्चतम न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि,’ सीबीएफसी ने अभी तक फिल्म का प्रमाणीकरण नहीं किया है और शीर्ष अदालत किसी स्वायत्तशासी निकाय के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती. पीठ ने कहा, हमें बताया गया है कि सीबीएफसी ने अभी तक फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया है. उक्त बातों को ध्यान में रखते हुए इस रिट याचिका में हमारा हस्तक्षेप समय पूर्व फैसला देना होगा और हम ऐसा नहीं करना चाहते.
उत्तरप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अगर ऐतिहासिक तथ्यों से छेडछाड की गई है तो फिल्म को पर्दे पर नहीं उतरने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महारानी पद्मावती की याद में भोपाल में एक स्मारक बनवाएगी जहां देश के बहादुर सैनिकों का स्मारक प्रस्तावित है.मध्यप्रदेश में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने एक सिनेमा हॉल के बाहर हंगामा किया जहां कथित तौर पर फिल्म का ट्रेलर चल रहा था.
चंडीगढ में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिनेमा बनाने का लाइसेंस किसी को ऐतिहासिक तथ्यों को तोडने-मरोडने की इजाजत नहीं देता. 75 वर्षीय मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खुद ही इतिहास पढा है और चित्तौड से जुडे रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाए कि गैर राजनीतिक दल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खत्म करने के लिए सुनियोजित योजना बना रहे हैं.
प्रसून जोशी ने कहा, हमें समझने की जरुरत है कि सीबीएफसी को संतुलित निर्णय करना होगा. इसे सडकों पर चल रहे प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है. आप मीडिया घरानों को फिल्म दिखाते हैं और रिव्यू कराते हैं लेकिन आप चाहते हैं कि सीबीएफसी निष्पक्ष और बेहतरीन निर्णय करे? जोशी ने कहा कि वह भंसाली का काफी सम्मान करते हैं लेकिन मुद्दा फिल्म के विवाद को लेकर है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और राज्य भी खुद से ही स्थिति से निपट रहे हैं और उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग नहीं की है. फिल्म को लेकर जहां विरोध और राजनीति जारी है वहीं फिल्म में महारावल रतन सिंह की भूमिका निभाने वाले शाहिद कपूर ने कहा कि उन्हें अब भी उम्मीद है.
आईएफएफआई के रेड कार्पेट पर शाहिद ने कहा, कभी-कभी इस तरह की फिल्म… काफी जटिल हो जाती है. मुझे काफी उम्मीद है. यह वक्त गुस्सा करने का नहीं है. काफी लोग ऐसा कर रहे हैं. इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि मुझे प्रकिया में विश्वास है. उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि लोग एक बार फिल्म देखेंगे तो यह सब भूल जाएंगे. पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के चरित्र के बीच रोमांटिक दृश्य होने की अफवाह को लेकर कई समूह फिल्म का विरोध कर रहे हैं और उनका आरोप है कि यह इतिहास से छेडछाड है.
बहरहाल इतिहासकारों में इस बात को लेकर मतभेद है कि पद्मावती का अस्तित्व था भी अथवा नहीं.