मुंबई : खबर है कि विवादों में फंसी फिल्म पद्मावती के निर्माता उसकी रिलीज के बारे में फैसला सेंसर बोर्ड की हरी झंडी के बाद ही करेंगे.
दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत यह फिल्म इससे पहले एक दिसंबर को रिलीज होनी थी.
फिल्म पद्मावती के निर्माता वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने एक बयान में घोषणा की कि वह देश के कानून के साथ ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के लिए सम्मान और आदर के चलते फिल्म की रिलीज की तिथि स्वेच्छा से टाल रहा है.
उन्होंने कहा कि जरूरी मंजूरी मिलने के बाद फिल्म की नयी रिलीज तिथि घोषित की जायेगी.
हालांकि मीडिया की खबरों में दावा किया गया है कि फिल्म की रिलीज अगले वर्ष के लिए टल सकती है और प्रोमोशन रोक दिये गये हैं. हालांकि प्रोडक्शन हाउस के एक सूत्र के मुताबिक, अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है.
सूत्र ने कहा, हम सीबीएफसी से प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद फिल्म की रिलीज तिथि पर निर्णय करेंगे. हम सेंसर बोर्ड से हरी झंडी का इंतजार करेंगे और उसके बाद निर्णय करेंगे कि रिलीज के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि क्या है.
सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी नेसोमवार को कहा था कि फिल्म पर एक संतुलित निर्णय के लिए बोर्ड को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
सीबीएफसी मेंमंगलवारको एक सूत्र ने जोशी के विचारों को ही दोहराया. सूत्र ने कहा, सीबीएफसी में किसी भी फिल्म को प्रमाणित करने के लिए अधिकतम समय 68 दिन है, यह कम भी हो सकता है.
हम सामान्य तौर पर प्रमाणन एक महीने में या एक महीने से कुछ अधिक समय में करते हैं. इस तरह की फिल्म के मामले में आपको सावधान रहना होता है, विचार लेने होते हैं, इसलिए इसमें कुछ अधिक समय लगता है.
इसका यह मतलब नहीं कि 68 दिन से पहले कुछ भी नहीं होगा. यदि निर्माताओं को समय पर प्रमाणन चाहिए, यह मशविरा है कि वे इतना समय ध्यान में रखें. सीबीएफसी ने शुरू में आवेदन पद्मावती के निर्माताओं को यह कहते हुए लौटा दिया था कि यह अपूर्ण है.
निर्माताओं ने फिर से आवेदन किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या आवेदन की जांच हो गयी है, सीबीएफसी सूत्र ने कहा, नहीं, इसमें समय लगता है क्योंकि हमारे पास :प्रमाणन के लिए: अन्य फिल्में भी होती हैं और पद्मावती केवल उनमें से एक है.
हमारे पास सीमित कर्मचारी होते हैं, हम सब कुछ छोड़कर केवल इसी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते. इसमें सामान्य समय लगेगा.