कैसे विजयलक्ष्मी बन गईं सिल्क स्मिता, जानें 8 दिलचस्प बातें…
अपनी बोल्ड इमेज के कारण मशहूर रहीं दक्षिण की अभिनेत्री सिल्क स्मिता को कौन नहीं जानता. अपने जमाने में बोल्ड अभिनेत्री के तौर पर शुमार सिल्क उर्फ विजयलक्ष्मी के जिंदगी के कई राज आज भी राज बने हुए है. उन पर बनीं फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ ने उनकी जिंदगी पर रोशनी डाली. कोई नहीं जानता […]
अपनी बोल्ड इमेज के कारण मशहूर रहीं दक्षिण की अभिनेत्री सिल्क स्मिता को कौन नहीं जानता. अपने जमाने में बोल्ड अभिनेत्री के तौर पर शुमार सिल्क उर्फ विजयलक्ष्मी के जिंदगी के कई राज आज भी राज बने हुए है. उन पर बनीं फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ ने उनकी जिंदगी पर रोशनी डाली. कोई नहीं जानता कि उनकी मौत कैसे हुई थी. वे 23 सितंबर, 1996 को मात्र 36 की उम्र में चेन्नई स्थित अपने घर में मृत पाई गई थीं.
आंध्र प्रदेश में राजमुंदरी के एल्लुरू में जन्मी विजयालक्ष्मी पहले स्मिता बनीं और फिर सिल्क स्मिता. उस दौर में उनकी लोकप्रियता इसी से समझी जा सकती थी कि फिल्म वितरक तभी खरीदते थे जब उसमें कम से कम सिल्क स्मिता का एक गाना जरूर हो. जानें उनके बारे में ये खास बातें…
1. अपने 10 के छोटे से करियर में लगभग 5 सौ फिल्मों में काम कर चुकीं सिल्क स्मिता का परिवार इतना गरीब था कि घरवाले उसे सरकार स्कूल में भेजने तक का खर्च उठाने में नाकाम रहे. चौथी क्लास में ही पढ़ाई छूट गई और पहली बार उन्हें फिल्मों में काम मिला एक मेकअप आर्टिस्ट का.
2. स्मिता पाटिल शूटिंग के दौरान हीरोइन के चेहरे पर शाट्स के बीच टचअप किया करती थीं, यहीं से उनकी आंखों में ग्लैमर के आसमान में चांद की तरह चमकने का सपना सजने लगा. जिस हीरोइन का वे टचअप करती थीं, उन्हीं की बदौलत साल 1979 में मलयालम फिल्म ‘इनाये थेडी’ में दर्शकों ने पहली बार एक ऐसी लड़की को देखा जो गोरी नहीं थी, छरहरी नहीं थी और जिसकी अदाओं में शराफत नहीं थी.
3. स्मिता को करियर को बड़ा ब्रेक मिला साल 1980 में आई फिल्म ‘वांडडी चक्रम’ में. बताया जाता है इस फिल्म में अपने किरदार को खुद डिजाइन किया था और मद्रासी चोली का फैशन चला पड़ा. इस फिल्म से पहले तक उनका नाम स्मिता ही था और लेकिन फिल्म में उनका द्वारा निभाया गया सिल्क का किरदार इतना फेमस हुआ कि उन्होंने खुद का नाम भी सिल्क स्मिता कर लिया.
4. 1980 से लेकर 1983 का दौर उनके लिए एक ऐसा दौर था जिस दौरान उन्होंने लगभग 200 फिल्में की. एक दिन में तीन-तीन शिफ्टों में काम किया और एक गाने की कीमत लगभग 59 हजार रुपये तक वसूली. यह वो दौर था जब निर्माता सिर्फ उनके एक गाने के लिए फिल्मों की रिलीज महीनों तक रोके रहते थे.
5. कमल हासन, रजनीकांत और चिरंजीवी तक की फिल्म में सिल्क स्मिता का एक गाना जरूर होता था. लीक से हटकर फिल्में बनाने निर्देशक बालू महेंद्रा ने उन्हें अपनी फिल्म ‘मूरनम पिराई’ में खास रोल दिया. इसी फिल्म को जब उन्होंने हिंदी में सदमा नाम से बनाया तो सिल्क स्मिता को इसमें भी रिपीट किया.
6. ‘सदमा’ रिलीज होने के ठीक एक पहले वे ‘जीत हमारी नाम की’ फिल्म के जरिए हिंदी सिनेमा के निर्माताओं को अपने हुस्न का जलवा दिखा चुकी थीं. लेकिन शोहरत के इस दौर में अपने निजी जीवन को संतुलित न रख पाने की कीमत उन्हें अपने करियर के ढलान पर आकर चुकानी पड़ी.
7. कहा जाता है कि सिल्क स्मिता को उनके एक करीबी मित्र ने उन्हें फिल्म निर्माता बनने का भी लालच दिया. सिर्फ दो ही फिल्मों के निर्माण में ही उन्हें दो करोड़ का घाटा हो गया. स्मिता की तीसरी फिल्म भी शुरू हुई लेकिन वो कभी पूरी नहीं हो सकी.
8. बैंक में घटती रकम और एक स्टार की ग्लैमर भरी जीनवशैली कायम रखने के दबाव ने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर कर दिया. 23 सितंबर 1996 को उनकी लाश उनके ही घर में पंखे से झूलती पाई गई. पुलिस ने इसे आत्महत्या मानते हुए इस केस को बंद कर दिया. हालांकि कुछ लोग इसे हत्या मानते हैं और इसके पीछे एक बड़ी साजिश की आशंका जताते हैं.