मुंबई : दिग्गज अभिनेता शशि कपूरकेनिधन के बाद मीडिया में उनकी जिंदगी से जुड़ी कई खबरें आ रही हैं. इसमें एक खबर यह भी है कि शशि कपूर और शबाना आजमी एक-दूसरे की ओर आकर्षित थे और इस पर शशि कपूर की पत्नी जेनिफर केंडल को आपत्ति थी. कहा तो यह भी जा रहा है कि जेनिफर ने शशि कपूर के शबाना आजमी के साथ काम करने पर रोक लगा दी थी. इस बात में कितनी सच्चाई है पता नहीं, लेकिन शशि कपूर और शबाना आजमी ने एक साथ करीब 10 फिल्मों में काम किया. 1976 में फिल्म फकीरा से शशि कपूर व शबाना आजमी का फिल्मी सफर शुरू हुआ था, जो 1994 में इन कस्टडी व मुहांफीज तक जारी रही, जिसमें शशि कपूर ने एक उर्दू शायर का किरदार निभाया था.
शशि कपूरके शानदारव्यक्तित्व के कारण शबाना आजमी उनके प्रति बचपन से ही क्रेजी थीं, यह बात खुद उन्होंने कही है. उनके अंदर उनको लेकर हमेशा एक खास अाकर्षण रहा. शबाना आजमी ने उनके निधन पर अपने अंदाज मेंं दु:ख जताया है. उन्होंने मुंबई मिरर अखबार सेएकबार कहा था – मैं अपनी पॉकेज मनी बचाती थी ताकि शशि कपूर के पोस्टर खरीद सकूं. दिवानीगी का आलम यह था कि शबाना आजमी पृथ्वी थियेटर उनके ऑटोग्राफ लेने के लिए जाती थीं.
और, जब बड़ी होकर शबाना आजमी एक अभिनेत्री बनीं तो शशि कपूर से साथ पहली फिल्म मिलना उनके लिए एक बड़ी बात थी. वे कहती हैं कि बचपन में जो मेरे आइडोल थे, उनके साथ फिल्म फकीरा मिलना अविश्वसनीय था. बीच में उन्होंने शशि कपूर के साथ उन्होंने हीरा और पत्थर, चोर सिपाही, जुनून, अतिथि, अवतार, यादों की जंजीर, ऊंची नीच बीच जैसी फिल्में भी की.
दोनें की पहली फिल्म फकीरा की जब शूटिंग शुरू हुई तो पहले दिन गाना दिल में तूझे बिठा के की शूटिंग आरंभ हुई. पर इस गाने को वे शूट करने में सहज नहीं थीं और रोने लगीं थी, तब शशि कपूर उनके पास आये थे और समझाया था और उनकी नकल उतारते हुए कहा था कि ममी, ममी मुझे एक्टर बनना है. ऐसा कह कर उन्होंने शबाना को सहज बनाने की कोशिश की थी.
शबाना आजमी शुरू से एक्टर के साथ एक एक्टिविस्ट रहीं हैं. एक बार मुंबई के कोलाबा में कुछ झुग्गियों को तोड़ा गया तब उसके खिलाफ शबाना आजमी अनशन पर बैठ गयीं. यह बात 1986 की है. शबाना की झुग्गी में रह रहे लोगों के लिए वैकल्पिक आवास मुहैया कराने की थी. पांचवें दिन शबाना आजमी का ब्लड प्रेशर गिरने लगा, उनकी मां काफी चिंतित हो गयीं. उस समय शशि कपूर इस मामले में हस्तक्षेप करने आगे आये. उन्होंने मुख्यमंत्री शंकर राव चह्वाण से बात की और उनसे कहा कि सरकार को जब-जब जरूरत होती है फिल्म उद्योग उनके सहयोग के लिए तैयार रहता है, लेकिन अभी गरीबों की मांग के लिए बाॅलीवुड का एक कलाकार भूख हड़ताल पर बैठा है और उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और मांगों का समाधान ढूंढा गया. शबाना का अनशन खत्म करवाने आवास मंत्री पहुंचे थे और उन्होंने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया था.
शशि कपूर मेनस्ट्रीम के इकलौते अभिनेता थे, जिन्होंने अपने पैसे रियल स्टेट व दूसरे कारोबार में नहीं लगाया. अलबत्ता वे उन कलात्मक फिल्मों के निर्माण व थियेटर को प्राथमिकता देते थे, जिसमें आर्थिक हित नहीं सधता था. पृथ्वी थियेटर को लेकर उनका आकर्षण सर्वज्ञात हैं, जिसे पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी बेटी संजना कपूरा आज भी सहेज रही हैं. शशि कपूर ने 36 चौरंगी लेन, जुनून, कलयुग और विजेता जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया.
शशि कपूर के जीवन से जुड़ा ऐसा कोई मौका नहीं था, जिसे विस करना या उस पर अपने विचार साझा करना शबाना आजमी छोड़ती हों. 18 मार्च 2015 को उन्होंने शशि कपूर के जन्मदिन पर ट्वीट किया था और उनके खुश रहने व सेहतमंद रहने की कामना की थी. जब उन्हें दादा साहब फाल्के मिला था, तब भी शबाना आजमी ने अपने दिल की बात विस्तार से साझा की थी. सोमवार की शाम जब शशि कपूर का निधन हो गया, तब तीन छोटे ट्वीट कर शबाना आजमी ने अपने दिल की हजार बातें कह दीं. उन्होंने लिखा – हम आपको मिस करेंगे. फिर एक दूसरे ट्वीट में उन पर अपना एक पीस शेयर किया. और, अंतिम ट्वीट किया – नींद क्यों रात भर नहीं आती.