संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध जारी है. फिल्म की रिलीज के खिलाफ राजपूत समुदाय के सदस्यों ने गुजरात में रविवार को हिंसक प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने बसों को नुकसान पहुंचाया और सड़कों को अवरुद्ध किया. बसों में तोड़फोड़ करने और उनमें आग लगाने की घटनाओं के बाद पुलिस ने सख्त चेतावनी जारी की और प्रभावित इलाकों में और अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया.
गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) ने भी उत्तर गुजरात में अपनी बस सेवा रोक दी. राज्य के वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने कहा कि ऐसे प्रदर्शन ‘स्वाभाविक’ हैं और उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सरकार कानूनी विकल्प तलाश रही है. जीआरटीसी ने राज्य के उत्तरी हिस्सों में अपनी बस सेवाओं पर रोक लगा दी, जहां भीड़ ने पिछले दो दिनों में बसों को फूंक दिया, या उनमें तोड़फोड़ की.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अहमदाबाद-इंदौर राजामार्ग और बनासकांठा को राजस्थान से जोड़ने वाली कई सड़कों को अवरुद्ध किया. राज्य के प्रभारी डीजीपी प्रमोद कुमार ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस और त्वरित कार्रवाई बल को तैनात करने की घोषणा की. इसके अलावा भी कई अलग-अगल जगहों से फिल्म के विरोध की खबरें आ रही है.
नोएडा में डीएनडी फ्लाईओवर टोल नाके को किया क्षतिग्रस्त
‘पद्मावत’ की रिलीज को लेकर विरोध कर रहे करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों के सदस्यों ने डीएनडी फ्लाईओवर के टोल प्लाजा के काउंटरों पर तोड़-फोड़ की और एक बैरियर को आग के हवाले कर दिया. नगर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि डीएनडी टोल फ्री है, इसलिए काउंटरों पर कोई काम नहीं हो रहा था। केवल उनकी कांच की खिड़कियों और कंप्यूटरों को तोड़ा गया. अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद करीब एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और मामला दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और आस पास के इलाकों से आए ये प्रदर्शनकारी करणी सेना, राजपूत उत्थान समिति, क्षत्रीय सभा के सदस्य हैं.
हाथ में तलवार लेकर सड़कों पर उतरी महिलाएं
पद्मावत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर चित्तौडगढ में सैंकडों महिलाओं ने जौहर स्वाभिमान रैली निकाली. रैली के दौरान कुछ महिलाओं ने हाथों में तलवारें थाम रखी थी. उन्होंने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के विरोध में और रानी पद्मावती के सम्मान में नारे लगाये. रैली चित्तौड किले के जौहर स्थल से शुरू हुई और करीब आठ किलोमीटर पर शहर में जौहर भवन पर समाप्त हुई. इसमें अनेक युवा भी शामिल हुए. रानी पद्मावती ने चित्तौड किले पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के दौरान आत्मसम्मान की रक्षा के लिये 16 हजार अन्य महिलाओं के साथ जौहर किया था. भंसाली की फिल्म रानी पद्मावती पर आधारित है और राजपूत संगठनों का आरोप है कि इसमें रानी पद्मावती के संबंध में गलत तथ्य पेश किये है तथा इतिहास के साथ छेडछाड की है.
सुप्रीम कोर्ट जायेगी मध्य प्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश सरकार ने ‘पद्मावत’ का सूबे में प्रदर्शन रुकवाने के लिये उच्चतम न्यायालय का दरवाजा ख्रटखटायेगी.चौहान से यहां एक कार्यक्रम के बाद मीडिया ने पूछा कि चूंकि शीर्ष अदालत ने अपने हालिया आदेश में देश भर में इस फिल्म के परदे पर उतरने का रास्ता साफ कर दिया है. लिहाजा अब इस मामले में राज्य सरकार का क्या रुख है. इस पर मुख्यमंत्री ने विस्तृत जानकारी दिये बगैर कहा, हम फिर उच्चतम न्यायालय की शरण में जायेंगे.’ राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान शिवराज ने गत 20 नवम्बर को घोषणा की थी कि ‘पद्मावत’ को प्रदेश में प्रदर्शित होने की अनुमति नहीं दी जायेगी.