अगर निराश होता, तो 17 से 18 साल तक यहां नहीं टिक पाता
नयी दिल्ली : फिल्म ‘मुक्काबाज’ से भारतीय सिने प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता विनीत कुमार का कहना है कि बॉलीवुड में अपने 17 साल के संघर्ष के दौरान वह कभी निराश नहीं हुए क्योंकि उन्होंने खुद अपने लिए यह राह चुनी थी. फिल्म की कहानी विनीत द्वारा वर्षों पहले लिखी एक पटकथा […]
नयी दिल्ली : फिल्म ‘मुक्काबाज’ से भारतीय सिने प्रेमियों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता विनीत कुमार का कहना है कि बॉलीवुड में अपने 17 साल के संघर्ष के दौरान वह कभी निराश नहीं हुए क्योंकि उन्होंने खुद अपने लिए यह राह चुनी थी. फिल्म की कहानी विनीत द्वारा वर्षों पहले लिखी एक पटकथा पर आधारित है, जिसे उन्होंने अपने गुरु अनुराग कश्यप से मिलने से पहले लिखा था.
अनुराग ने ही फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में पहली बार विनीत को बड़े पर्दे पर अपने अभिनय का मौका दिया था. विनीत ने कहा कि अपने 17 वर्षों के संघर्ष के दौरान वह खुद को सकारात्मक रखने के लिए हमेशा खुद से कहते रहते थे कि यहां सभी रास्ते बंद होने के बाद भी उनके घर के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले रहेंगे. विनीत ने कहा, ‘‘मैं कभी शिकायत नहीं करता क्योंकि इससे जिंदगी और बोझिल हो जाती है.