17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पद्मावत: बयान से पलटे करणी सेना प्रमुख कालवी

जयपुर/भोपाल/मुंबई/नयी दिल्ली: सोमवार को करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी संजय लीला भंसाली की विवादास्‍पद फिल्‍म ‘पद्मावत’ देखने के लिए तैयार हो गये थे. लेकिन अब उन्‍होंने फिल्‍म देखने से इनकार कर दिया है. कालवी ने सेामवार को कहा था कि,’हम फिल्म देखने के लिये तैयार हैं. हमने कभी नहीं कहा कि हम फिल्म नहीं […]

जयपुर/भोपाल/मुंबई/नयी दिल्ली: सोमवार को करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी संजय लीला भंसाली की विवादास्‍पद फिल्‍म ‘पद्मावत’ देखने के लिए तैयार हो गये थे. लेकिन अब उन्‍होंने फिल्‍म देखने से इनकार कर दिया है. कालवी ने सेामवार को कहा था कि,’हम फिल्म देखने के लिये तैयार हैं. हमने कभी नहीं कहा कि हम फिल्म नहीं देखेंगे.’ लेकिन अब कालवी अपने बयान से पलट गये हैं.

भंसाली प्रोडक्शंस ने 20 जनवरी को श्री राजपूत करणी सेना और राजपूत सभा, जयपुर को पत्र लिखकर उन्हें फिल्म देखने का न्योता दिया था. उसने आश्वासन दिया था कि फिल्म में राजपूतों के सम्मान और शौर्य को दिखाया गया है. लेकिन कालवी का कहना है कि पत्र भेजकर भंसाली सिर्फ दिखावा कर रहे हैं.

शीर्ष अदालत ने फिल्म के प्रदर्शन पर गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को गत 18 जनवरी को हटाकर 25 जनवरी को देशभर में इसे प्रदर्शित किये जाने का रास्ता साफ कर दिया था. न्यायालय ने दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी करने से अन्य राज्यों को भी रोक दिया था.

यह फिल्म महाराजा रतन सिंह और उनकी मेवाड़ की सेना तथा दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच 13 वीं शताब्दी में हुई ऐतिहासिक लड़ाई पर आधारित है. इस बीच, फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे दो संगठनों–श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने भी उच्चतम न्यायालय का रुख किया और खुद को पक्षकार बनाने की मांग की. वे इस आधार पर फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हैं कि यह समुदाय की भावनाओं को आहत करती है.

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ के खिलाफ राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ. इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की उस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी, जिसमें देशभर के सिनेमाघरों में विवादास्पद बॉलीवुड फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन की अनुमति देने के उसके 18 जनवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है. दोनों राज्य सरकारों ने इस आधार पर शीर्ष अदालत से अपना पिछला आदेश वापस लेने की मांग की है कि इससे इन राज्यों में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी.

इधर, फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है. राजस्थान में प्रदर्शनकारियों ने राजसमंद और बाड़मेर में राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. वहीं, भीलवाड़ा में एक युवक विरोध का इजहार करने के लिये एक मोबाइल फोन टावर पर चढ़ गया. मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन और झाबुआ जैसे शहरों में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी, जबकि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में लोगों ने भगवा झंडा लहराया और एक सिनेमा हॉल के सामने बॉलीवुड निर्देशक भंसाली का पुतला दहन किया.

इस पीरियड ड्रामा का जोरदार विरोध जारी रहने के बीच हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने इस फिल्म को दिखाने वाले सिनेमाघरों को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया. उधर, राजस्थान सरकार ने मेवाड़ के राजघराने और करणी सेना को उसकी ओर से शीर्ष अदालत के पिछले आदेश में संशोधन की मांग करने के लिये दायर याचिका में पक्षकार बनने के लिये आमंत्रित किया। शीर्ष अदालत ने अपने 18 जनवरी के आदेश के जरिये फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध को हटाकर देशभर में इसे प्रदर्शित किये जाने का रास्ता साफ कर दिया था.

इस मुद्दे पर हरियाणा सरकार ने अलग रुख अपनाते हुए कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को लागू करेगी, जिसमें फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई थी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि कुछ सिनेमाघर मालिक फिल्म नहीं दिखाना चाहते हैं, लेकिन जो दिखाना चाहते हैं उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.’

मुंबई पुलिस ने भी विवादास्पद फिल्म को दिखाने वाले सिनेमाघरों को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दिये जाने की मांग की है. विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘हिंदू संगठनों को लोकतांत्रिक तरीके से फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ जोरदार विरोध जताने के लिये सड़क पर उतरना चाहिये. यह मुद्दा सिर्फ राजपूतों से संबंधित नहीं है, बल्कि सभी जातियों से संबंधित है जिन्होंने जौहर में प्राणों की आहूति दी’

उन्होंने कहा कि विहिप, बजरंग दल और अन्य संगठनों को देश में फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने देना चाहिये. उन्होंने मांग की कि केंद्र फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध के लिये जलीकट्टू मामले की तरह अध्यादेश लाए। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा ने राजपूत संगठनों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था.

इन संगठनों का आरोप है कि फिल्म में इतिहास को विकृत रूप में प्रस्तुत किया गया है. उच्चतम न्यायालय ने फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ राजस्थान और गुजरात द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त कर दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें