‘पद्मावत” के लिए सिनेमाघरों में उमड़े दर्शक, जानें प्रतिक्रिया ?
मुम्बई/ नयी दिल्ली: संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘‘पद्मावत” आखिरकार कड़ी सुरक्षा और तनाव के बीच आज रिलीज हो गई. देशभर के सिनेमाघरों में इस फिल्म को देखने के लिए लोग उमड़ रहे हैं. शुरूआती खबरों के अनुसार फिल्म अच्छा कारोबार कर रही है. हालांकि, फिल्म को विभिन्न राजपूत समूहों के विरोध का सामना […]
मुम्बई/ नयी दिल्ली: संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘‘पद्मावत” आखिरकार कड़ी सुरक्षा और तनाव के बीच आज रिलीज हो गई. देशभर के सिनेमाघरों में इस फिल्म को देखने के लिए लोग उमड़ रहे हैं. शुरूआती खबरों के अनुसार फिल्म अच्छा कारोबार कर रही है. हालांकि, फिल्म को विभिन्न राजपूत समूहों के विरोध का सामना करना पडा़ है. इन समूहों का आरोप है कि फिल्म में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.
दिल्ली में फिल्म के सुबह नौ बजे के शो के लिए लगभग 60 से 70 प्रतिशत दर्शक आये, जबकि मुम्बई में यह संख्या कुछ कम 40 से 50 प्रतिशत के बीच थी. देर शाम के शो समेत दिन के सभी शो की लगभग सभी टिकटों बिक चुकी चुकी हैं. फिल्म कारोबार से जुड़े विश्लेषकों को उम्मीद है कि लंबा सप्ताहांत होने के चलते फिल्म अच्छा कारोबार करेगी.
फिल्म को देख चुके ज्यादातर लोगों ने पिछले कुछ सप्ताह में हुई हिंसा की निंदा की. इन लोगों ने विशेषकर कल गुडगांव में स्कूल बस पर हुए पथराव की निंदा की और कहा कि फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. पश्चिमी दिल्ली के सत्यम सिनेप्लेक्स जैसे कुछ सिनेमाघरों में पूरी पहली पंक्ति में वर्दीधारी सुरक्षाकर्मी नजर आए. हॉल में बाउंसर भी थे.
मुम्बई के एक सिनेमाघर में फिल्म का पहला शो देखने वाले एक राजपूत दर्शक ने अपनी पहचान जाहिर नहीं करने के आग्रह पर बताया कि भंसाली ने ‘शानदार’ प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म में या ‘घूमर’ गीत में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैं एक राजपूत हूं और मुझे यह देखकर दुख हुआ कि इस फिल्म को लेकर लोग इस तरह का बर्ताव क्यों कर रहे है. हिंसा और धमकियां सभी गैर जरूरी और दुखद है. हम इसका कभी भी समर्थन नहीं कर सकते है.’
फिल्म देखने वाले एक अन्य दर्शक चंकी मेहता ने बताया कि फिल्म में राजपूत समुदाय को अच्छे ढंग से पेश किया गया है और यह ‘शर्मनाक’ है कि कुछ लोग असुरक्षित और भय का माहौल बना रहे है.
राजस्थान के रहने वाले एक दर्शक ध्रुव सिंह ने कहा, ‘फिल्म में एक भी ‘ड्रीम सीन’ नहीं है इसलिए मैं नहीं जानता कि यह हिंसा और उपद्रव किस चीज को लेकर है. बच्चों पर हमला, बसों को जलाये जाने का हम समर्थन नहीं करते है। जो भी कुछ घटित हो रहा है वह शर्मनाक है.
दिल्ली में पीवीआर प्लाजा के बाहर एक दर्शक वरूण ने कहा, ‘फिल्म को बेहतरीन ढंग से फिल्माया गया है. फिल्म में कोई ऐसा ‘ड्रीम सीन’ नहीं है, जिसे रणवीर और दीपिका पर फिल्माया गया हो. यह विरोध प्रदर्शन गलत है.’
एक कॉलेज छात्रा प्रिया ने कहा कि भंसाली ने अपनी इस नई फिल्म में ‘महिला शक्ति’ का सम्मान किया है. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से भंसाली ने ‘पद्मावत’ बनाई है, वह बहुत सुंदर है. महिला किरदार वास्तव में काफी मजबूत दिखाये गये है. फिल्म में मुझे वास्तव में दीपिका बहुत पसंद आई.’
बैंकर विनीत ने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है और वह केवल करणी सेना जैसे कुछ समूहों द्वारा पैदा की गई अशांत स्थिति के कारण फिल्म को देखने का मौका नहीं चूकेंगे. उन्होंने कहा, ‘संविधान पर मेरा पूरा भरोसा है और मैं फिल्म देखने को लेकर भयभीत नहीं हूं. मुझे हमारी पुलिस पर भरोसा है. फिल्म देखने के बाद मैं अपने दोस्तों को भी जल्द से जल्द यह फिल्म देखने के लिए कहूंगा.’