प्रभात खबर दफ्तर पहुंचीं कल्पना पटवारी ने गायकों की शिक्षा के स्तर पर उठाया सवाल
रांची : भोजपुरी सहित 30 भाषाओं में अपनी आवाज से अलग पहचान बनाने वाली कल्पना पटवारी आज प्रभात खबर के दफ्तर पहुंचीं. यहां उन्होंने भोजपुरी भाषा आंदोलन गाने का एलबम रिलीज किया. उन्होंने भोजपुरी के सम्मान की चिंता करते हुए कहा कि यह सिर्फ बोली है इसे भाषा का दर्जा मिलना चाहिए. भोजपुरी में कई […]
रांची : भोजपुरी सहित 30 भाषाओं में अपनी आवाज से अलग पहचान बनाने वाली कल्पना पटवारी आज प्रभात खबर के दफ्तर पहुंचीं. यहां उन्होंने भोजपुरी भाषा आंदोलन गाने का एलबम रिलीज किया. उन्होंने भोजपुरी के सम्मान की चिंता करते हुए कहा कि यह सिर्फ बोली है इसे भाषा का दर्जा मिलना चाहिए. भोजपुरी में कई गानों से पहचान बना चुकी कल्पना इस मौके पर कई मुद्दों पर बोली.
अश्लीलता के मामले पर हर मंच पर उनसे सवाल किया जाता है. यहां भी उन्हें इस सवाल का सामना करना पड़ा. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि देखिये, हम सभी सिर्फ सवाल पर चर्चा करते हैं जवाब पर कोई बात नहीं करता. अश्लीलता क्या है, कौन तय करेगा? इसे इस तरह समझिये कि भाषा का प्रयोग हर जगह अलग-अलग तरीके से होता है. गांव, ठेठ देहात से होते हुए भोजपुरी जब शहरों में आती है तो कई चीजें बदल जाती है.
उन्हाेंने कहा कि भूपेनहजारिका गीतकार हैं, पीएचडी हैं, संगीत समझते हैं. ऐसे लोगों से उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने गायकों की शिक्षाकेस्तरपरभी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अश्लीलताकेसवाल का हल निकालना चाहिए. इसका फर्क इस तरह समझिये, नाइट ड्रेस वाले लुंगी को बुरा नहीं बोल सकते. मैंने इस पर लिखा है, मैंने जो अनुभव किया है उस पर लिखा है. अश्लीलता पर बात करना समय की बर्बादी है. पिछले कई सालों से इस पर चर्चा हो रही है. अश्लीलता पर बात करना मेरे लिए बेमानी है.
नये लोगों को संगीत से जोड़ने के लिए नयी धुन का इस्तेमाल
कल्पना पटवारी ने कहा कि मैंने पुराने गानों को नये लोगों से जोड़ने के लिए नयी धुन का इस्तेमाल किया. कोक स्टूडियो में किया गया मिक्स लोगों को पसंद आया. मैं ऑस्ट्रेलिया जा रही हूं. मैं भोजपुरी और असम के गीतों को गाऊंगी. मैं अपनी लोकभाषा को लेकर वहां जाऊंगी. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने मुझे बुलाया है. मैं वहां भारत का नेतृत्व करने जा रही हूं. कोई ना कोई आपने काम को देख रहा है. मैं वहां सिफारिश के बल पर नहीं जा रही.
सिर्फ आलोचना से नहीं काम से जवाब दें
कल्पना ने आलोचना के सवालों पर कहा, अगर आप आलोचना करना चाहते हैं तो काम से जवाब दीजिए. अगर आप साड़ी पहन रहीं है तो यह आपके संस्कार का परिचय है. साड़ी पहनना आपको पसंद हो सकता है लेकिन यह आपके संस्कार को नहीं दिखाता. आपको काम करना होगा और उसी से जवाब देना होगा. कल्पना ने पुरस्कार पर कहा पुरस्कार आपकी मेहनत का परिणाम होते हैं वह दूसरे स्थान पर आते हैं पहले आपका काम होता है. आप अच्छा काम करेंगे तो पुरस्कार पीछे – पीछे आ जायेगा.