II उर्मिला कोरी II
फ़िल्म : सोनू के टीटू की स्वीटी
निर्देशक : लव रंजन
कलाकार : कार्तिक आर्यन,नुसरत भरुचा, सनी सिंह
रेटिंग : ढाई
‘प्यार का पंचनामा’ वाली तिगड़ी निर्देशक लव रंजन और कार्तिक आर्यन एवं नुसरत भरुचा एक बार फिर कॉमेडी की नई किश्त इस फ़िल्म के ज़रिए वापस लेकर आए हैं. फ़िल्म में भी लड़के और लड़की की तकरार है लेकिन इस बार दोस्ती और प्यार के बीच जंग है. कहानी की बात करें तो यह सोनू (कार्तिक आर्यन) और टीटू (सनी सिंह) की कहानी है.
टीटू की ज़िंदगी में कई लड़कियां आती हैं लेकिन हमेशा गलत लड़कियों से ही उसे प्यार होता है. किस तरह से सोनू न सिर्फ टीटू के टूटे दिल को संभालता है बल्कि इन लड़कियों से उसे बचाता है. इसी सब के बीच टीटू अरेंज मैरिज कर सेटल होने की सोचता है और उसकी जिंदगी में स्वीटी ( नुसरत )आती है.
टीटू और उसके परिवार को स्वीटी शादी के लिए परफेक्ट लगती है लेकिन सोनू को यकीन नही है कि कोई इतना भी परफेक्ट हो सकता है. क्या स्वीटी परफेक्ट है या सोनू का शक सही है. इसी के बीच दोनों की जंग होती है. क्या स्वीटी टीटू को अपना बना लेगी या सोनू उसे बचा लेगा. इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी.
फ़िल्म की कहानी में नयापन नहीं है हां स्क्रीनप्ले ज़रूर अच्छा बन पड़ा है. आगे क्या होगा इसकी उत्सुकता को फ़िल्म की स्क्रीनप्ले बखूबी बरकरार रखती है. फ़िल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा कमज़ोर रह गया है. इस पर और काम करने की ज़रूरत थी.
लव रंजन की पिछली फिल्म की तरह यह फ़िल्म भी पुरूष दृष्टिकोण के साथ कही गयी है. हमेशा की तरह उन्होंने एक ही पहलू को रखा है. थिएटर से बाहर निकलने के बाद यह बात खलती है कि आखिरकार स्वीटी ऐसी क्यों है. फ़िल्म की यूएसपी इसके संवाद हैं. पुरुषों का पक्ष पूरी तरह से रखने के बावजूद यह आपके चेहरे पर मुस्कान बरक़रार रखती है.
अभिनय की बात करें तो कार्तिक आर्यन को ऐसे किरदारों में महारत हासिल है. एक बार फिर उन्होंने साबित किया है. वह फ़िल्म में बेहतरीन रहे हैं।नुशरत ने भी अपने अभिनय से उन्हें अच्छी चुनौती दी है.
सनी सिंह ने अपनी भूमिका को सहजता से निभाया है. फ़िल्म के सह कलाकारों आलोक नाथ, वीरेंद्र सक्सेना, दीपिका अमीन और सोनू कौर की भी तारीफ करनी होगी. जिन्होंने फ़िल्म में एक अलग ही रंग जमाया है.
फ़िल्म के गीत संगीत की बात करें तो इससे कई नाम जुड़े हैं. दिल चोरी, लक मेरा हिट जैसे गाने अच्छे बन पड़े हैं लेकिन गानों की अधिकता के कारण फ़िल्म थोड़ी लंबी हो गयी है. फ़िल्म की सिनेमाटोग्राफी अच्छी है. फिल्म में कुछ खामियां होने के बावजूद कुलमिलाकर यह फिल्म एंटरटेन करती है.