II उर्मिला कोरी II
फिल्म : वेलकम टू न्यूयॉर्क
निर्देशक: चाकरी टोलेटी
कलाकार: सोनाक्षी सिंहा, दलजीत दोसांज, करन जौहर, बोमन इरानी, राणा दुग्गाबत्ती, रितेश देशमुख और अन्य
रेटिंग : एक
कॉमेडी के प्रचलित जॉनर में वेलकम टू न्यूयॉर्क थ्री डी फिल्म है. बॉलीवुड की यह पहली थ्री डी कॉमेडी फिल्म है. बॉलीवुड के अवॉर्ड शोज पर अब तक काफी कुछ कहा सुना गया है. इस पर फिल्म बनाने की यह पहली कोशिश है. यह फिल्म प्रसिद्ध अवॉर्ड शो आईफा के बैकड्राप पर लिखी गयी है. फिल्म की कहानी न्यूयॉर्क में होने वाले अवॉर्ड शो आईफा की है.
यह अवॉर्ड शो जो कंपनी करवा रही है उसके मालिक गैरी (बोमन इरानी) है. उन्होंने असिस्टेंट सोफी (लारा) को अपनी कंपनी में पार्टनर बनाने का वादा दिया था. जिससे वह मुकर जाते हैं. जिस वजह से लारा इस अवॉर्ड शो और गैरी की कंपनी नाम खराब करने का फैसला लेती है. उसे न्यूयॉर्क में हो रहे अवॉर्ड शो की एक प्रतियोगिता द्वारा इसका मौका भी मिल जाता है. जहां वह टैलेंट के नाम पर दो सबसे खराब टैलेंट चुनती है.
पंजाब से तेजी( दिलजीत दोसांज) गुजरात की जीनल पटेल (सोनाक्षी सिंहा) ताकि ये दोनों टैंलेंट शो को खराब बना दे. इन दोनों को स्टेजी की एबीसी भी नहीं आती है. कहानी में एक और टिवस्ट है. करण जौहर का एक हमशक्ल डॉन है अजरुन. करण की फिल्मों की वजह से उसकी डॉनगिरी की दुकान नहीं चल रही है. जिस वजह से वह करण जौहर को किडनैप करने का फैसला लेता है.
क्या लारा और अजरुन अपने इरादों में कामयाब होते है.क्या अवॉर्ड शो कामयाब हो पाएगा. यह आगे की फिल्म में है. फिल्म की कहानी और स्क्रिनप्ले बेहद कमजोर है. जिस वजह से यह एक कमजोर फिल्म बनकर रह गयी है. कहानी में आइफा अवॉर्ड फंक्शन की पीछे की कहानी दिखाना चाहते हैं लेकिन फिल्म में ऐसी कोई भी पोल खोल नहीं है. जो हम टीवी पर देखते हैं वही इस फिल्म में भी है.
फिल्म में कई कलाकार अपना ही मजाक उडाते दिखते हैं लेकिन यह नया नहीं है. टीवी के अवॉर्ड शो में हम यह हर साल देखते आ रहे हैं.
अभिनय की बात करें तो दिलजीत जहां ठीक ठाक रहे हैं. वहीं सोनाक्षी निराश करती हैं. उनके बीच के दृश्यों में महसूस होता है कि जबरदस्ती हंसी डालने की कोशिश की जा रही है. लारा दत्ता और बोमन इरानी अपनी भूमिकाओं में सहज रहे हैं. हां फिल्म में कई चेहरे मेहमान भूमिका में हैं. जिनका अभिनय जरुर अच्छा है. खासकर करण जौहर और रितेश देशमुख की जुगलबंदी वाला दृश्य अच्छा है लेकिन करण बतौर डॉन एक्टिंग में चूक गए हैं.
फिल्म की कहानी की तरह इसके गीत संगीत में भी दमखम नहीं है. फिल्म का प्रोडक्शन वैल्यू अच्छा है. यह बॉलीवुड की पहली थ्री डी कॉमेडी फिल्म बतायी जा रही है. अगर इसे टू डी में भी बनाते तो भी फर्क नहीं पड़ता था. कहानी की कोई ऐसी ज़रूरत नहीं थी कुलमिलाकर यह कॉमेडी फिल्म हंसाने से चूक गयी है.