बर्थ डे स्पेशल : जब पहली फिल्म के लिए जयाप्रदा को मिले 10 रुपये, जानिए कुछ खास

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री जया प्रदा का नाम 80 के दशक की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार रहा है. यही नहीं वह एक कुशल नृत्यांगना भी थीं. उन्होंने भारतीय सिनेमा में कई विभिन्न भाषाओं में काम किया. जया का जन्म 3 अप्रैल, 1962 को आंध्रप्रदेश में हुआ. उनके बचपन का नाम ललिता रानी था. जया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 10:21 AM

मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री जया प्रदा का नाम 80 के दशक की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार रहा है. यही नहीं वह एक कुशल नृत्यांगना भी थीं. उन्होंने भारतीय सिनेमा में कई विभिन्न भाषाओं में काम किया. जया का जन्म 3 अप्रैल, 1962 को आंध्रप्रदेश में हुआ. उनके बचपन का नाम ललिता रानी था. जया ने तेलुगू, हिंदी, तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया. उनके पिता फिल्म फाइनेंसर थे.

जया की माता ने बचपन से ही उन्हें डांस की ट्रेनिंग देनी शुरू की. उन्होंने ने 14 साल की उम्र में अपने स्कूल के एनुअल डे सेलिब्रेशन में डांस परफॉर्मेंस दी थी. वहां मौजूद दर्शकों में साउथ फिल्म के एक डायरेक्टर भी बैठे थे जो उनकी परफॉर्मेंस से काफी प्रभावित हुए और उनको एक फिल्म में डांस करने का ऑफर दिया. वो डांस 3 मिनट का था और उसके लिए उन्हें केवल 10 रुपये मिले. ये डांस उनका करियर बनाने में मिल का पत्थर साबित हुआ. इस डांस को देखने के बाद जया के लिए बड़े-बड़े निर्देशकों के फोन आने शुरू हो गये.

साउथ की एक रीमेक फिल्म सरगम से जया प्रदा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. फिल्म में उनके साथ ऋषि कपूर नजर आये थे. फिल्म उस वक्त की सुपरहिट फिल्म साबित हुई. इसके अलावा 1984 की फिल्म शराबी में अमिताभ के साथ उनकी जोड़ी को फैंस को बहुत पसंद आयी थी.

जया की जोड़ी जितेंद्र, अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के साथ सुपरहिट रही. सही नहीं साउथ के सुपरस्टार्स कमल हासन और रजनीकांत के साथ भी उनकी जोड़ी को काफी सराहा गया. उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत नहाटा से विवाह किया. श्रीकांत पहले से ही शादीशुदा थे और 3 बच्चों के पिता भी थे. इस शादी को लेकर उस समय काफी बवाल भी मचा था. फिल्मों के अलावा जया ने राजनीति में भी कदम रखा. उन्होंने 1994 में तेलुगू देशम पार्टी की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के साथ अपना राजनीतिे करियर आगे बढ़ाया और अंत में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया.

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