”दंगल गर्ल” का चौंकानेवाला खुलासा- 4 साल से डिप्रेशन की शिकार हूं, आत्महत्या के ख्याल आते हैं
आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में पहलवान का किरदार निभानेवाली अभिनेत्री जायरा वसीम ने अपनी जिंदगी को लेकर एक चौंकानेवाला खुलासा किया है. जायरा ने ट्विटर पर अपने एक पोस्ट में खुलासा किया कि वे पिछले 4 साल से डिप्रेशन की शिकार हैं और इसके चलते वे हर दिन 5 गोलियां खा रही हैं. बता […]
आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में पहलवान का किरदार निभानेवाली अभिनेत्री जायरा वसीम ने अपनी जिंदगी को लेकर एक चौंकानेवाला खुलासा किया है. जायरा ने ट्विटर पर अपने एक पोस्ट में खुलासा किया कि वे पिछले 4 साल से डिप्रेशन की शिकार हैं और इसके चलते वे हर दिन 5 गोलियां खा रही हैं. बता दें कि जायरा ने ‘दंगल’ में छोटी गीता फोगाट का किरदार निभाया था, इसके बाद वे फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में नजर आई थी जो सुपरहिट रही थी.
जायरा को फिल्म ‘दंगल’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था. जायरा ने लिखा,’ आखिरकार मैं इस बात को जगजाहिर कर रही हूं कि मैं लंबे समय से डिप्रेशन और एनजाइटी का शिकार हूं.’
जायरा ने बताया कि वो 4 साल से इस बीमारी की शिकार हैं और इसके चलते उन्हें अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा है. जायरा ने खुलासा किया कि डिप्रेशन की वजह से वो हर दिन 5 गोलियां खा रही हैं. जायरा ने लिखा,’ मुझे कई लोगों ने कहा कि तुम बहुत छोटी हो, तुम्हें डिप्रेशन नहीं हो सकता. यह सिर्फ एक दौर है जो गुजर जायेगा.’
— Zaira Wasim (@ZairaWasimmm) May 10, 2018
उन्होंने आगे लिखा,’ काश यह सिर्फ एक दौर होता, लेकिन इस दौर ने मुझे बुरी हालत में पहुंचा दिया है. मैं हर दिन 5 दवाईयां लेती हूं, मुझे एनजाइटी अटैक आते हैं और अचानक आधी रात को अस्पताल ले जाना पड़ता है. मैं खाली-खाली, अकेला और डरा हुआ महसूस करती हूं. बहुत ज्यादा सोने या कई हफ्तों तक न सोने के चलते मेरे शरीर में दर्द होता है. मेरे आत्महत्या के बारे में सोचना इसी दौर का हिस्सा है.’
जायरा ने लिखा,’ मैं महसूस कर सकती थी कि यह डिप्रेशन है. मुझे याद है कि मुझे पहला पेनिक अटैक 12 साल की उम्र में आया था और दूसरा जब मैं 14 साल की थी. मुझे याद नहीं है कि ऐसा कितनी बार हुआ. लेकिन मुझे हमेशा कहा गया कि ऐसा कुछ नहीं है. यह 25 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है.’
जायरा ने आखिर में लिखा,’ मैं बस कुछ समय के हर चीज से दूरी बनाना चाहती हूं. मेरी सोशल जिंदगी से, मेरे स्कूल से, मेरे काम से और सबसे ज्यादा सोशल मीडिया से. मैं रमजान के पवित्र महीने का इंतजार कर रही हूं, क्योंकि यह चीजों को समझने का सबसे पर्याप्त है. कृपया मुझे अपनी दुआओं में याद रखें.’