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महेश भट्ट ने कहा – नजरिया बदलिये, आपकी जिंदगी गुलजार हो जायेगी

-टॉक शो: मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और अभिनेत्री पूजा भट्ट के संग रांची : रिम्स प्रेक्षागृह में रविवार को मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट का टॉक शो हुआ. आयोजित किया गया. दोनों ने बेबाकी से अपनी निजी जिंदगी की बातें शेयर की और शराब के नशा पर […]

-टॉक शो: मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और अभिनेत्री पूजा भट्ट के संग

रांची : रिम्स प्रेक्षागृह में रविवार को मशहूर फिल्म निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट का टॉक शो हुआ. आयोजित किया गया. दोनों ने बेबाकी से अपनी निजी जिंदगी की बातें शेयर की और शराब के नशा पर अपने विचार दिये. महेश भट्ट ने कहा कि यदि आप अपनी जिंदगी से नाखुश हैं, तो अपना नजरिया बदलिये. उसी दिन आपकी जिंदगी गुलजार हो जायेगी. टॉक शो को पत्रकार दिनेश ने संचालित किया.
महेश भट्ट ने कहा, छोड़ा जो फसाना, तो अपनी कहानी याद…
महेश भट्ट ने टॉक शो में कहा कि छोड़ा जो फसाना, तो अपनी कहानी याद आयी. श्री भट्ट ने कहा कि मैंने शराब का दामन अपनी बुलंदियों में थामा था. उसके बाद मेरी फिल्म अर्थ, सारांश, डैडी, जुर्म और सड़क आयी. मैं जब जुहू के एक गटर में गिरा पड़ा था, तब मैंने अपने आप से कहा कि मैं शराबी बन गया हूं. 30 वर्षों से मैंने शराब की एक बूंद नहीं ली है. अपने अंदर मैंने देखा, अपनी बेटी शाहीन को देखा, जिसने मेरे हैलो कहने पर मुंह फेर लिया था. इसके बाद मुझे ईश्वर से भेंट हुई. डैडी फिल्म के निर्माण में एक लम्हा ऐसा भी आया, जब मैं अकेला था. पत्नी हांगकांग में थी. पूजा भी फिल्म की शूटिंग के बाद सोयी थी. फिर मेरे अंदर के झरोखे से आवाज आयी. अपने आप से कैसे बोलोगे? समाज में यह ढिंढोरा पीट दिया है कि शराब छोड़ दी है. शराब का दामन कैसे छोड़ दोगे? प्यास कभी मरती नहीं है. पर मैंने अपने आप पर नियंत्रण रख कर उसे हाथ तक नहीं लगाया. सच्चाई से अपने को आगे किया. सच्चाई की कोख से जन्म लेनेवाले लोग जिंदादिल होते हैं. अपनी जिंदगी जीते हैं. हम आपको छूने आये हैं. शराब का सेवन एक बीमारी है. जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीमारी की श्रेणी में रखा है.
अंधेरे से आंख नहीं मिलायेंगे, तो नहीं दिखेगी रोशनी
नाटक मंचन से पहले महेश भट्ट ने अपनी बेटी पूजा और कलाकार इमरान जाहिद के साथ स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की. उनका मानना है कि शराब का नशा अंधेरा है. इसको छोड़ने के लिए इससे लड़ना होगा. शराब की बुराइयों को समझना होगा. अंधेरे से आंख नहीं मिलायेंगे, तो रोशनी नहीं दिखेगी. महेश भट्ट ने कहा कि शराब का नशा दीमक की तरह खा रहा है. इसके आदी लोगों को पहले मानना होगा कि हम बीमार हो गये हैं. जब बीमार समझेंगे तभी दवा होगी. पूजा भट्ट ने कहा कि 23 दिसंबर 2016 के बाद मैंने शराब को हाथ नहीं लगाया है. मैं भी नशे की आदी थी. एक महिला होने के बावजूद अपने किये कार्यों को स्वीकार करती हूूं. 2016 में पिता जी को आलिया (बहन) मालदीव घुमाने ले जा रही थी. एयरपोर्ट पर मैंने पिता जी को मैसेज किया. फॉदर आइ लव यू. पिता जी ने मुझे रिटर्न मैसेज किया : नॉट मी, लव योरसेल्फ. इसी मैसेज ने मेरी जिंदगी बदल दी. इसके बाद मैंने शराब को हाथ नहीं लगाया. पूजा और महेश भट्ट ने कहा कि सरकार का काम शराब बंद करना नहीं है. शराब छोड़ना इच्छाशक्ति की बात है. गुजरात और बिहार में शराब बंद करने के बाद क्या हो रहा है, लोग देख रहे हैं. शराब का सोशल एक्सपटेंस होना ज्यादा खराब है. श्री भट्ट ने कहा कि शराब के खिलाफ अभियान में कई लोग शामिल हैं. रांची के मनोचिकित्सक डॉ सिद्धार्थ सिन्हा भी इस अभियान में मेरे साथी हैं.

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