अभिनेता जॉन अब्राहम की फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ प्रदर्शन के लिए तैयार है. भ्रष्टाचार के मुद्दे को यह फ़िल्म उठाती है लेकिन जॉन का मानना है कि भ्रष्टाचार के साथ साथ महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही बलात्कार की घटनाएं देश के लिए बहुत चिंतनीय और शर्मनाक है. उनकी फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ भ्रष्टाचार पर चोट करती है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
आप सेलेब्रिटी हैं इसलिए आप चाहे तो रिश्वत नहीं दे सकते लेकिन आम आदमी का भ्रष्टाचार से बचना लगभग मुश्किल है सड़क से ही भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है.
मैं तीन महीने पहले की बात कर रहा हूं. मेरा भाई आर्किटेक्ट है. उसने कार गलत जगह पर शायद पार्क कर दी. पुलिस आयी और पर्ची देने लगी. मेरे भाई ने कहा पर्ची क्यों आपको तो मेरा लाइसेंस लेना चाहिए. वो लोग सकते में आ गए. ये बंदा सामने से लाइसेंस दे रहा है. मेरे भाई ने लाइसेंस लो ..लाइसेंस लो बोल बोलकर अपना लाइसेंस दिया. ये आज की तारीख में कौन करेगा. मैं जब अपने मॉम,डैड और भाई को देखता हूं तो कई बार सोचता हूं कि ये इतने ईमानदार होकर कैसे अपना काम कर रहे हैं. वो तीनों ही आम आदमी की तरह रहते हैं तो आम आदमी आराम से ईमानदार होकर रह सकता है. हमारे घर में सभी के सिस्टम में ईमानदारी है.
कहते हैं कि आपकी परवरिश आपको अच्छा या बुरा इंसान बनाती है ?
बिल्कुल, मेरे मॉम डैड की वजह से ही मैं ऐसा हूं. उनकी वजह से ही आज भी मिडिल क्लास वाले वैल्यूज मेरे पास है. मॉडल बनने से पहले मैं मीडिया प्लानर था. उस वक्त मैं सुबह नौ बजे आफिस पहुँच जाता था और कई कई दिन तो ऐसे होते थे कि मैं अगले दिन सुबह चार या पांच बजे फ्री होता था लेकिन सिर्फ पंद्रह से बीस मिनट के लिए. उसके बाद फिर काम लगातार एक हफ्ते तक मैंने ऐसे काम कई बार किया है. मेरी सैलरी उस वक्त 13 हजार हुआ करती थी. आजकल की युवा पीढी को मैं देखता हूं. उन्हें ज्वॉइन करने के साथ ही पता होता है कि ये हमारा काम है ये हमारा नहीं. इतने घंटे ही काम करना है लेकिन मेरे वक्त ऐसा नहीं था. मैं नहीं बोलता की आज की युवा पीढ़ी अपने बारे में सोचती है तो गलत करती है लेकिन मैं ऐसा नहीं था।मेरे तो घर में मेरे पिता भी यही बोलते थे कि मंदिर मस्जिद जाने से कोई अच्छा नहीं बनता है. अच्छा काम करने से बनता है तो काम ही सबकुछ होता था.
पहली सैलरी का क्या किया था कुछ याद है ?
पहली सैलरी मां को दी थी. उसके बाद अपने लिए मोटरसाइकिल लेने के लिए पैसे जुटाने था. मेरी पहली बाइक यामहा आरडी थ्री फिफ्टी .मैंने एक पारसी से वह बाइक खरीदी थी.सेकंड हैंड थी. 19 हजार में मैंने वो बाइक खरीदी थी. मैंने उसको इस तरह से मेंटेन रखा था कि मैंने उसे बाद में 21 हजार में बेचा था. मुझे इतना लगाव उस बाइक से था कि मुझे अभी भी याद है सांताक्रू ज के लीडो के आसपास किसी को मैंने वो बाइक बेची थी. जब मैं उसे देकर वापस लौट रहा था अचानक से मैं रोने लगा था कि मैंने बाइक बेच दी. मेरे लिए वह एक परिवार के सदस्य की तरह थी.
क्या आप अब भी रात में बाइक लेकर घूमने जाते हैं ?
बारिश की वजह से मैं नहीं जा पाता हूं क्योंकि अपनी बाइक को मैं खुद ही साफ करता हूं. मेरे अलावा मैं किसी को भी अपनी बाइक छूने नहीं देता हूं यही वजह है कि मैं बारिश में बाइक नहीं चला रहा हूं क्योंकि बाइक इस मौसम में बहुत ज्यादा गंदी होजाती है.
आप सोशल मीडिया पर भी काफी समय से एक्टिव नहीं है जबकि पहले आप बाइक और अपनी फिटनेस के बारे में बहुत कुछ शेयर करते थे ?
हां मैं अभी अपनी फिल्मों में व्यस्त था इसलिए नहीं कर पा रहूं. अगस्त के अंत या सितंबर के शुरु में फिर से शुरु करूंगा. मैं इस वक्त अपनी फिल्म रोमियो अकबर वॉल्टर की शूटिंग कर रहा हूं.
बारिश को आप कितना इंज्वॉय करते हैं ?
मुङो मानसून सिर्फ इसलिए पसंद है क्योंकि मुंबई को पानी की बहुत जरुरत है और मानसून इसके लिए बहुत अहम भूमिका निभा ता है. वरना मैं बिल्कुल भी बारिश इंज्वॉय नहीं करता हूं. मुझे समझ नहीं आता कि लोग बारिश को रोमांटिक कैसे करार देते हैं. मुझे तो चलने में भी बहुत दिक्कत होती है
तो जॉन के लिए रोमांटिक क्या चीजें करती हैं ?
( मुस्कुराते हुए) बाइक की आवाज मुङो सबसे ज्यादा रोमांटिक फीलिंग देती है. एक मोटरसाइकिल है वी मैक्स 17०० सीसी उस मोटरसाइकिल को जिस तरह से मैंने टय़ून किया है. जो उसकी पिस्टंस बीट्स है वो मेरे दिल की धडकन के साथ चलता है. जैसे ही मैं बाइक पर बैठता हूं वह भी मेरे हार्टबीट के साथ धक धक करने लगता है. मुङो इससे बहुत सुकून मिलता है. मैं अपने मोटरसाइकिल से बहुत ही इमोशनली अटैच रहता हूं.
अब तक की जर्नी में आप किस्मत को कितना मानते हैं ?
किस्मत को मंै अच्छे कर्मों का फल मानता हूं. मैं किसी धर्म को नहीं मानता हूं लेकिन हां मैं नास्तिक नहीं हूं. मैं इस बात में यकीन करता हूं कि उपर एक सुप्रीम पावर है. जो सबकुछ चला रहा है. आप अच्छा कर्म करो आपके पास अच्छी चीजें आएंगी. बुरा करने पर बुरी. ये एक साइंस है. हम जो देते हैं यूनिवर्स हमें वहीं लौटाता है.
आपकी फिल्म के साथ अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड़ भी रिलीज हो रही है बॉक्स आॅफिस पर आप इस क्लैश को किस तरह से देखते हैं ?
वैसे यह हमारा नहीं हमारी फिल्मों के प्रोडयूसर भूषण कुमार और एक्सेल का निर्णय है. वैसे 15 अगस्त को दो फिल्मों के लिए अच्छा खासा स्पेस है. बुधवार से शुरु हुई छुट्टियां रविवार तक चलने वाली हैं. वैसे अक्षय मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं.वह मुझसे बहुत बड़े स्टार हैं. मैं ये भी जानता हूं और इसका सम्मान भी करता हूं. मैं अपने फैंस से यही कहूंगा कि दोनों ही फिल्में देखिए.
भ्रष्टाचार के अलावा और कौन से मुद्दे हैं जिन पर बात होनी चाहिए?
मुझे बहुत दुख होता है ये बोलते हुए लेकिन हमारा देश विश्व में बलात्कार की राजधानी बनता जा रहा है. कुछ दिन पहले की बात है. एक लड़का मेरे साथ काम करता है. उसकी बहन की 12 साल की बेटी है.वो दिल्ली में रहते हैं. कचरा फेंकने गयी और वह किडनैप हो गयी या तो उस बच्ची का अब तक बलात्कार कर हत्या हो चुकी होगी या उसके सेक्स ट्रेड में लगा दिया गया होगा. ये सोचकर ही मेरा दिल दहल जाता है. उस घटना के दो दिन तक मैं सो नहीं पाया लगातार पुलिस से बात करता रहा था. मुझे लगता है कि हम सभी को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए. एक एक्टर के तौर पर मैं क्या मेकअप करता हूं या कौन सी गाड़ी चलाता हूं इससे अहम है कि हम इन मुद्दों पर बात करें.