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खास बातचीत: बोलीं जया प्रदा- काम और पैसा होने पर ही दुनिया करती है याद

हिंदी सिनेमा के चेहरों की छोटे पर्दे पर बढ़ती शिरकत में अब 80 के दशक की पॉपुलर अभिनेत्री जया प्रदा का नाम भी जुड़ गया है. जया प्रदा जल्द ही धारावाहिक परफेक्ट पति में दिखेंगी. धारावाहिक में राजश्री राठौड़ की भूमिका निभा रही जया खुश हैं कि टीवी पर उन्होंने प्रोगेसिव सास की भूमिका से […]

हिंदी सिनेमा के चेहरों की छोटे पर्दे पर बढ़ती शिरकत में अब 80 के दशक की पॉपुलर अभिनेत्री जया प्रदा का नाम भी जुड़ गया है. जया प्रदा जल्द ही धारावाहिक परफेक्ट पति में दिखेंगी. धारावाहिक में राजश्री राठौड़ की भूमिका निभा रही जया खुश हैं कि टीवी पर उन्होंने प्रोगेसिव सास की भूमिका से शुरुआत की है. पेश है उर्मिला कोरी की जया प्रदा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

टीवी को चुनने की क्या वजह थी

मेरे लिए टीवी और फिल्म कोई माध्यम बड़ा या छोटा नहीं है. मैंने कभी अपना कैरियर प्लान नहीं किया है. किरदार क्या है, डायरेक्टर कौन है. बैनर क्या है. यही तीन बात मेरे लिए हमेशा से मायने रखती हैं. तीनों चीजें अच्छी हो तो आप कैरियर में माइलस्टोन वाली जर्नी कर सकते हैं. मैं हमेशा से ही ट्रेंड सेंटर रही हूं. जब मैं अपने कैरियर की पीक पर थी तब मैंने संजोग फिल्म की थी. उसमे मैं एक मां के किरदार में थी. जिसके बाल सफेद थे. सभी ने कहा कि बाल सफेद कैसे कर लिया. साउथ की फिल्म सागर संगम में भी मेरा किरदार काफी अलग था. लुक मेरे लिए मायने नहीं रखता था. परफार्मेस बेस्ट देना मेरा प्राथमिकता रही है. यही वजह है कि मेरे प्रशंसक आज भी मुझे चाहते हैं. मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहती हूं. उनकी उम्मीद पर खरा नहीं उतरने का मुझे डर लगता है बस.

परफेक्ट पति में आपको क्या खास लगा
इस शो का कांसेप्ट. आजकल के दौर में लोगों के बीच धैर्य कम हो गया है. जिस वजह से शादियां बहुत जल्द ही टूट जाती हैं. दो अपोजिट लोग भी बहुत अच्छी जोड़ी हो सकते हैं. यह शो इस बात पर फोकस करता है और मैं सास के किरदार में इस कहानी में बहुत अहम भूमिका निभाने वाली हैं. यह टीवी के दूसरी सास से अलग हैं.

आपका साडियां और लुक हमेशा आपकी फिल्मों में काफी सराहा गया. इस शो में आपके लुक को लेकर आपके क्या इनपुट्स हैं.
मैं अपनी फिल्मों में कई बार अपनी निजी साडियां, ड्रेस और ज्वेलरी पहनती थी. तोहफा वाली साडियों से लेकर मेरी बनायी गयी चोटी सभी बहुत लोकप्रिय रही है. इस शो की बात करूं तो राजस्थानी बेस है और मेरा किरदार आज का अजरुन फिल्म में भी राजस्थानी का था. जिसे सभी लोगों ने काफी सराहा था. टीवी पर सबकुछ ब्राइट आमतौर पर होता है. मैंने कहा कि मेरे कपड़े किरदार के मूड के अनुरुप होने चाहिए.

महान फिल्मकार सत्यजीत रे ने आपको दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला करार दिया था. आप आज भी वैसी ही खूबसूरत हैं किस तरह से आप खुद को मेंटेन रखती हैं?
(हंसते हुए) सत्यजीत रे उस कॉम्प्लिमेंट के बाद मेरे घरवाले भी मुझे खूबसूरत समझने लगें थे. मेरे पति ने भी पहली बार कहा था कि तुम खूबसूरत हो. सत्यजीत रे के साथ मेरी फिल्म करने की बहुत ख्वाहिश थी. एक बार वो मुझे अपने घर ले गये थे. जहां पर उन्होंने मुझे कहा था कि वह मेरे साथ जल्द ही एक फिल्म बनायेंगे लेकिन थोड़े ही समय बाद उनकी तबीयत खराब हो गयी और वह नहीं रहें. जहां तक बात अभी भी खूबसूरत दिखने की है तो हम जिस प्रोफेशन में हैं. वहां हमें खूबसूरत दिखना ही पड़ता है. हर औरत अपना बेस्ट दिखना चाहती है. जिस वजह से एक्सरसाइज से लेकर खानपान सभी पर ध्यान रखना पड़ता है.

लोग कहते हैं कि पुराने दौर में इंडस्ट्री में लोगों के बीच बहुत प्यार और दोस्ती थी?
सच कहूं तो मेरी इंडस्ट्री में ऐसी किसी के साथ दोस्ती नहीं रही है. हां जब हम फिल्में करते थे. कभी फिल्म को एक साल दो कभी दो साल लगते थे तो उस दौरान बहुत ही दोस्ताना रिश्ता होता था लेकिन फिल्म खत्म हो जाने के बाद फिर वैसा रिश्ता नहीं रहता था. सीनियर आर्टिस्ट को अगर आप फोन भी करते हैं तो वह मुश्किल से लाइन पर आते थे. मैं किसी को दोष नहीं दूंगी. सभी अपने-अपने काम में मशरुफ रहते थे इसलिए दोस्ती जैसी कोई चीज नहीं हो पाती है. हालांकि पूरी इंडस्ट्री एक दूसरे के साथ दुख और सुख दोनों में साथ है. मैं अपनी बात करुं तो मैं कितनी भी बड़ी स्टार क्यों नहीं बन गयी मैं जब भी चेन्नई जाती थी. अपने निर्देशकों बालचंद्रन और विश्वनाथ से घंटे दो घंटे जरुर मिलती थी. उनकी ख़ुशी चेहरे की मुझे बहुत सुकून देती थी .

राजनीति और एक्टिंग में आप सक्रिय हैं, क्या चीजें और करना बाकी रह गया है
जिन दोनों प्रोफेशन को मैंने चुना है. यह ऐसे प्रोफेशन हैं. जहां पर सीखना कभी खत्म होने वाला नहीं है.हर दिन उदाहरण हैं सीखने को है. मैंने क्या कर लिया है. मुङो उस बारे में नहीं सोचना है. मैं कल में नहीं आज में जीना चाहती हूं. वो जरुरी भी है क्योंकि अतीत में आपका कितना भी बड़ा कैरियर क्यों न रहा हो. आज के तारीख में अगर आपके पास पैसा या काम नहीं है तो फिर दुनिया आपको याद नहीं रखती है. पिछली कई सालों से मैं राजनीति और अपने बैले डांस ग्रुप को लेकर बहुत मशरुफ रही हू.ं मेरा डांस ग्रुप देश ही नहीं विदेश में भी परफॉर्म करता रहा है. सभी को लगता था कि मैं इन दोनों चीजों में पूरी तरह से बिजी हूं तो एक्टिंग को समय नहीं दे पाऊंगी इसलिए लोग मुङो फिल्में ऑफर्स नहीं कर रहे थे. लेकिन मेरी पहचान मेरी एक्टिंग से ही है. मैं अब चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा मैं अपनी एक्टिंग पर फोकस करूं.

खबरें थीं कि आपको जयललिता की बायोपिक ऑफर हुई थी.
उस समय पर अप्रोच हुआ था लेकिन फिर वह फिल्म बन नहीं बन पायी. जयललिता जी बहुत ही अच्छी लीडर और आर्टिस्ट थी. पॉलिटिकल मीटिंग्स में उनसे मुलाकात होती थी. सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर मुङो उनके हाथों अवार्ड मिला था. वह बहुत ही मेरे लिए गर्व का पल था. वह भले ही एक्टिंग नहीं करती थी लेकिन उन्हें इंडस्ट्री से बहुत लगाव था. वह एक मुखिया की तरह थी. जिसने हमेशा इंडस्ट्री को बहुत सारा प्यार और सपोर्ट दिया.

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