मशहूर लेखक ब्रिज कात्याल नहीं रहे. वे लंबे समय से रेक्टल कैंसर से पीडित थे. आखिरी वक्त में पैसे न होने की वजह से उनका इलाज बांद्रा स्थित चैरिटी अस्पताल में चल रहा था. ब्रिज कात्याल के निधन की जानकारी लेखक-निर्देशक अनुषा श्रीनिवासन अय्यर ने दी. उन्होंने बताया कि वे रेक्टल कैंसर से जूझ रहे थे और उन्हें शांति अवेदना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी उम्र 85-86 थी. उन्होंने कई चर्चित फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी थी.
साल 1965 में आई शशि कपूर और अभिनेत्री नंदा की फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ की कहानी ब्रिज कात्याल ने ही लिखी थी. इसके अलावा उन्होंने ‘अजूबा’ और ‘ये रात फिर न आएगी’ की कहानी भी लिखी थी.
अनुषा ने आईएएनएस को बताया, ‘ब्रिज जी की एनर्जी तारीफे काबिल थी. मैंने लेखन का काम उन्हीं से सीखा है. वे चाहते थे कि मैं डायरेक्शन की ओर रुख करूं. यहां तक कि वे प्रोड्यूसर की तलाश भी कर रहे हैं. जब मेरी शॉर्ट फिल्म ‘सारे सपने अपने है’ फेस्टिवल में दिखाई गई थी तो मुझसे ज्यादा खुशी उन्हें हुई थी.’
ब्रिज कात्याल के आखिरी दिनों में नीना गुप्ता उनके साथ रही थीं. कुछ दिन पूर्व नीना गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखा था. उन्होंने ब्रिज कात्याल के साथ एक तसवीर भी पोस्ट की थी. उन्होंने लिखा था,’ शांति अवेदना अस्पताल का धन्यवाद कि उसने मेरे दोस्त ब्रिज कात्याल का ध्यान रखा. इन्होंने मेरे लिए सांस सीरीयल लिखा था. आप बहुत अच्छे हैं. कोई दुनिया छोड़ने से पहले इतनी अच्छी फिल्में और संदेश नहीं दे सकता. फिर भी हम गलतियां करते हैं और परिणाम भुगतना पड़ता है. लेक्चर नहीं है सामने की सच्चाई है.’
ब्रिज कात्याल ने फिल्मों के अलावा कई सीरीयल्स की भी कहानी लिखी है. इस सीरीयल्स के नाम दिल्लगी और सांस है. उनके निधन की खबर से बॉलीवुड और टीवी जगत में शोक की लहर है.