Movie Review : विचलित और झकझोरती है ”लव सोनिया”

फिल्म – लव सोनियानिर्देशक – तबरेज नूरानीकलाकार – मृणाल ठाकुर, रिया शिशोदिया, रिचा चड्ढा, फ्रीडा पिंटो, सई ताम्हणकर, राजकुमार राव, डेमी मूर, आदिल हुसैन, मनोज बाजपेयी और अन्यरेटिंग – तीन स्टार उर्मिला कोरी देश-विदेश के कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गयी ‘लव सोनिया’ देह व्यापार के स्याह सच को सामने लाती है. भारत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2018 9:09 PM

फिल्म – लव सोनिया
निर्देशक – तबरेज नूरानी
कलाकार – मृणाल ठाकुर, रिया शिशोदिया, रिचा चड्ढा, फ्रीडा पिंटो, सई ताम्हणकर, राजकुमार राव, डेमी मूर, आदिल हुसैन, मनोज बाजपेयी और अन्य
रेटिंग – तीन स्टार

उर्मिला कोरी

देश-विदेश के कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गयी ‘लव सोनिया’ देह व्यापार के स्याह सच को सामने लाती है. भारत में हर रोज 270 लड़कियां गायब हो जाती हैं. इन आंकड़ों को एक डरावने सच के साथ फिल्म में दिखाया गया है.

फिल्म की कहानी महाराष्ट्र के एक गांव से शुरू होती है. जहां एक किसान (आदिल हुसैन) और उसका परिवार बारिश न होने की वजह से कर्ज के बोझ तले दबा है.

खुद आत्महत्या करने के बजाय वह अपनी बड़ी बेटी प्रीति (रिया) को दादा ठाकुर (अनुपम खेर) को बेच देता है, जिससे उसने कर्ज लिया है. दादा ठाकुर उसे मुंबई के एक वेश्यालय में बेच देता है.

अपनी बहन प्रीति को ढूंढने का फैसला सोनिया (मृणाल ठाकुर) करती है. वह अपने घरवालों को बिना बताये मुंबई के वेश्यालय में वह भी पहुंच जाती है.

देह व्यापार के दलदल में फंसने के बावजूद वह किस तरह से खुद को इस दलदल से न सिर्फ बाहर निकालती है, इसी पर फिल्म की कहानी है. क्या वह प्रीति को ढूंढ पाती है? इसका जवाब फिल्म देखने पर ही मिलेगा.

फिल्म की कहानी इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर आधारित है, जिस वजह से कहानी मुंबई, हांगकांग होते हुए अमेरिका तक पहुंचती है. इस पूरे प्रकरण को फिल्म में जिस क्रूरता से दिखाया गया है, वह न सिर्फ विचलित करता है बल्कि झकझोरता है. सोचने को मजबूर करता है.

फिल्म का कैमरावर्क हो या संवाद, सभी को हकीकत के करीब रखा गया है. फिल्म में पूरे विश्व में वर्जीनिटी को लेकर मानसिकता पर भी प्रहार किया गया है.

फिल्म के कमजोर पहलुओं की बात करें, तो सबसे पहले सोनिया और प्रीति में बहनों के बीच का अगाध प्यार सही ढंग से स्थापित नहीं हो पाया है, जिसके लिए सोनिया अपने घर को छोड़ बहन को ढूंढने निकल पड़ती है.

फिल्म इंटरनेशनल ह्यूमन ट्रैफिकिंग की बात करती है, लेकिन फिल्म सेकंड हाफ के आधे में वहां पहुंचती है. कहानी को वहां थोड़ा और विस्तार देने की जरूरत महसूस होती है.

अभिनय की बात करें, तो इस मल्टीस्टारर फिल्म में सबने सधा हुआ अभिनय किया है लेकिन रिचा चड्ढा और फ्रीडा पिंटो की विशेष तौर पर तारीफ करनी होगी. फिल्म में गीत नहीं है. इसकी जरूरत भी महसूस नहीं होती है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर दिलचस्प है.

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