किसी भी चीज की लत अच्छी नहीं : यामी गौतम
यामी गौतम इनदिनों अपनी फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं. ‘विक्की डोनर’, ‘काबिल’ और ‘सरकार 3’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं यामी गौतम इस बात को मानती हैं कि आउटसाइडर्स के लिए इंडस्ट्री में राहें आसान नहीं हैं, लेकिन उन्हें चुनौतियों से लगाव है. यामी की फिल्म बत्ती गुल […]
यामी गौतम इनदिनों अपनी फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं. ‘विक्की डोनर’, ‘काबिल’ और ‘सरकार 3’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं यामी गौतम इस बात को मानती हैं कि आउटसाइडर्स के लिए इंडस्ट्री में राहें आसान नहीं हैं, लेकिन उन्हें चुनौतियों से लगाव है. यामी की फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू आज रिलीज हो रही है. फिल्म में शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर भी लीड रोल में हैं. यामी गौतम की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
‘बत्ती गुल मीटर चालू’ में एक एक्टर के तौर पर आपको क्या अपीलिंग लगा ?
बत्ती गुल मीटर चालू से जुड़ने की दो वजहें थी. मैं हिमाचल से हूं जिस वजह से मुझे इलेक्ट्रिसिटी की समस्या के बारे में पता था. इस फिल्म के निर्देशक श्री नारायण सिंह की पिछली फिल्म भी इश्यू बेस्ड थी लेकिन इसके बावजूद वह एंटरटेनिंग भी थी. दूसरी वजह थी परदे पर मुझे वकील की भूमिका निभाना था. अब तक कैमरे पर मैंने कभी वकील का किरदार नहीं निभाया था. बत्ती गुल तीन दोस्तों की कहानी है लेकिन फिल्म में कोर्टरूम ड्रामा भी बहुत अहम हिस्सा अदा करता है.
अपने किरदार को समझने के लिए कितना होमवर्क आपको करना पड़ा आपने लॉ की पढ़ाई भी की है ?
बेसिक लॉ की पढ़ाई कॉलेज में की थी. पापा कहते हैं कि उससे कोई वकील नहीं बन जाता है. तुमने पढ़ाई पूरी नहीं कि है इसलिए किसी को ये बोलने की जरूरत नहीं की तुमने लॉ की पढ़ाई की है. वैसे मुझे अपने रोल के लिए मुझे होमवर्क करना पसंद है. मैंने किसी भी कोर्टरूम ड्रामा वाली फिल्म को नहीं देखा. मैं किरदार को अलग तरह से अप्रोच करना चाहती थी. मैं बॉम्बे हाई कोर्ट गयी वहां मैने कुछ सेशन देखे. मैं कुछ वकीलों से भी मिली जिससे और मैंने अपने किरदार को समझा.
अक्सर जब दो अभिनेत्रियां एक साथ होती हैं तो उनके बीच कैट फाइट की खबरें आती रहती हैं पर आपके और श्रद्धा की बॉन्डिंग की खबरें आती थी ?
आपने कभी भी किसी के साथ मेरी फाइट की खबरें नहीं सुनी होंगी. मैं उस टाइप की नहीं हूं. लोगों से मैं मिलती हूं मगर समय के साथ, लेकिन पहला मेरा स्वभाव ये है कि मैं खुद को रिजर्व ही रखती हूं . इस फिल्म की शूटिंग के दौरान श्रद्धा ने भी बहुत प्यार और अपनापन दिखाया. कुछ ही समय के बाद हमारी बॉन्डिंग इतनी हो गयी कि जैसे ही कट होता था. मैं और श्रद्धा बात करने लग जाते थे.शाहिद भी पूछते थे कि आखिर तुमलोग क्या बातें करते हो.जो खत्म ही नहीं होती है.
आप टीवी से फिल्मों में आयी हैं इनदिनों टीवी से फिल्मों में आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है क्या आपके वक्त में इतना आसान था ?
मेरे वक़्त में आसान नहीं था, लेकिन मेरे से पहले वालों को शायद और मुश्किल रहा होगा. मैं ये भी सोचती हूं. कला और प्रतिभा को किसी भी बंदिश में बांधना नहीं चाहिए फिर चाहे वह टीवी और फिल्म की ही क्यों न हो.
आपने अपने बालों को छोटा करा लिया है कितनी सहज थी अपने लंबे बालों को छोटा करने के लिए?
ये फिल्म उरी के लिए मेरा लुक है. इस खास लुक को लेकर मैं बहुत उत्साहित थी. निर्देशक आदित्य सर ने मेरे साथ रोल डिस्कस किया तो अपने किरदार को अधिक रियल बनाने का मौका मैं चूकने नहीं देना चाहती थी. मैं अपने बालों को कटवाने के लिए राजी हो गयी.
अक्सर ये बातें सुनने में आती है कि सेलिब्रिटिज को फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. आप एक गोरी होने वाली क्रीम का चेहरा हैं?
मैं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीती हूं. मुझे इस बात में कोई शर्म नहीं लगती है कि मैं किसी ऐसे ब्रांड का हिस्सा हूं लेकिन मैं भी रंगभेद के खिलाफ हूं. मैं भी इस बात को मानती हूं कि अगर किसी विज्ञापन फिल्म में ये दिखाया जाए कि गोरा न होना शर्म की बात है तो वो बहुत गलत है.