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आशा पारेख का जन्‍मदिन आज, जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी ये खास बातें

पद्मश्री से सम्‍मानित जानीमानी अभिनेत्री आशा पारेख ने हिंदी फिल्‍मों में अपनी एक्टिंग और अपने हाव-भाव से दर्शकों का खूब मन मोहा. एक समय ऐसा था जब आशा पारेख की अदाओं का दीवाना हरकोई था. उन्‍होंने पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ भाषाओं में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया. वे 76 वर्ष की हो गई हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2018 11:48 AM

पद्मश्री से सम्‍मानित जानीमानी अभिनेत्री आशा पारेख ने हिंदी फिल्‍मों में अपनी एक्टिंग और अपने हाव-भाव से दर्शकों का खूब मन मोहा. एक समय ऐसा था जब आशा पारेख की अदाओं का दीवाना हरकोई था. उन्‍होंने पंजाबी, गुजराती और कन्नड़ भाषाओं में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया. वे 76 वर्ष की हो गई हैं. आशा पारेख ने ताउम्र शादी नहीं की. आशा पारेख का जन्‍म 2 अक्‍टूबर 1942 को गुजरात के एक मध्‍यम वर्गीय परिवार में हुआ था. वे भारतीय सेंसर बोर्ड क अध्‍यक्ष भी रह चुकी हैं.

जानेमाने निर्माता-निर्देशक विमल राय ने एक कार्यक्रम में आशा पारेख का डांस देखा और बेहद प्रभावित हुए. उन्‍होंने आशा पारेख को फिल्‍म ‘बाप बेटी’ में काम करने का मौका दिया लेकिन फिल्‍म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई.

निराश होकर छोड़ दी एक्टिंग

आशा पारेख ने कई और फिल्‍मों में छोटे-मोटे रोल किये लेकिन अधिकतर फिल्‍मों में असफलता ही मिली. इससे निराश होकर आशा पारेख ने सोचा कि उन्‍हें फिल्‍में छोड़कर पढ़ाई पर ध्‍यान देना चाहिए. साल 1958 में आशा ने एक बार फिर फिल्‍म ‘फिर से’ में काम करने की सोचा लेकिन विजय भट्ट ने उन्‍हें फिल्‍म में काम करने से मना कर दिया. बताया जाता है कि विजय भट्ट के मना करने के अगले ही दिन आशा पारेख को नासिर हुसैन की फिल्म का प्रस्‍ताव आया था.

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फिर बढ़ाया अभिनय की ओर कदम

वर्ष 1959 में आई उनकी फिल्‍म ‘दिल देके देखो’ से उन्‍होंने थोड़ी कामयाबी हासिल की और फिर एकबार अभिनय की ओर अपने कदम बढ़ा लिये. वर्ष 1960 में उन्‍हें निर्देशक नासिर हुसैन की फिल्‍म ‘जब प्‍यार किसी से होता है’ में काम करने का मौका मिला. यह बॉक्‍स ऑफिस पर हिट हो गई और आशा पारेश एक सफल अभिनेत्री के रूप में बॉलीवुड में स्‍थापित हो गई. इस फिल्‍म के बाद नासिर हुसैन ने उन्‍हें अपनी और कई फिल्‍मों में लिया जो सुपरहिट रही. उनकी फिल्‍मों में ‘तीसरी मंजिल’, ‘कारवां’, ‘प्‍यार का मौसम’ और ‘बहारों के सपने’ जैसी फिल्‍में शामिल है. वर्ष 1966 में रिलीज हुई उनकी फिल्‍म ‘तीसरी मंजिल’ उनकी सफलतम फिल्‍मों में से एक मानी जाती है.

नासिर हुसैन संग जुड़ा नाम

आशा पारेख ने कभी शादी नहीं की थी लेकिन उनके और निर्देशक नासिर हुसैन के अफेयर की खूब चर्चाएं हुईं. नासिर हुसैन आमिर खान के चाचा हैं. अपने संस्‍मरण ‘द हिट गर्ल’ में उन्‍होंने इन अफवाहों की पुष्टि की. निर्देशक नासीर हुसैन के साथ वे रिश्‍ते में थीं लेकिन नासीर पहले से शादीशुदा थे और वे नहीं चाहती थीं वो अपने परिवार से अलग हों. बताया जाता है कि इसी कारण दोनों ने शादी नहीं की. आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में कहा था उनकी किस्मत में शादी लिखी ही नहीं थी और वो खुश हैं कि वो सिंगल हैं.

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चर्चित फिल्‍में

वर्ष 1970 में फिल्‍म ‘कटी पतंग’ के लिए उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री के फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया. वर्ष 1992 में कला के क्षेत्र में सराहनीय योगदान प्रदान करने के लिए उन्‍हें पद्मश्री पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया. आशा पारेख की हिट फिल्‍मों में ‘मेरा गाँव मेरा देश’, ‘अंजान राहें’, ‘नादान’, ‘नया रास्ता’, ‘कन्यादान’, ‘आया सावन झूम के’, ‘लव इन टोक्यो’ और ‘फिर वही दिल लाया हूँ’ जैसी फिल्‍में शामिल है.

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