मुंबई : देश में जारी #MeToo मुहिम के तहत मंगलवार को भी कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न या यौन दुर्व्यवहार के अनुभव साझा किए, जिसके लपेटे में केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और फिल्म अभिनेता आलोक नाथ सहित मीडिया और मनोरंजन जगत के कई नामी-गिरामी चेहरे आए हैं. यौन उत्पीड़न की परिभाषा और उचित प्रक्रिया पर न्यूज रूम, ड्रॉइंग रूमों और सोशल मीडिया साइटों पर ‘मी टू’ मुहिम के बारे में चल रही जोरदार बहस के बीच कई ऐसे पत्रकारों के नाम सामने आए हैं जिन पर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न या यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये हैं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने यौन उत्पीड़न की शिकार महिला पत्रकारों का पुरजोर समर्थन करते हुए मीडिया संस्थानों से अपील की कि वे ऐसे सभी मामलों में बिना भेदभाव के जांच करें. देश में प्रेस की आजादी के लिए निष्पक्ष, न्यायोचित और काम का सुरक्षित माहौल जरूरी है.
यौन उत्पीड़न की घटनाओं का स्पष्ट विरोध करते हुए गिल्ड ने सार्वजनिक बहस में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने का साहस दिखाने वाली महिला पत्रकारों की प्रशंसा की और उनके साथ एकजुटता प्रकट की. उसने महिला पत्रकारों के साथ कथित यौन उत्पीड़न के वाकयों पर चिंता भी प्रकट की.
सबसे ज्यादा दहलाने वाला अनुभव लेखिका-निर्माता विंटा नंदा ने साझा किया है. उन्होंने ‘सबसे संस्कारी व्यक्ति’ पर करीब 19 साल पहले उनसे बलात्कार करने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि जानेमाने अभिनेता आलोक नाथ द्वारा फिल्मों एवं धारावाहिकों में अदा किए जाने वाले किरदारों के कारण उन्हें ‘संस्कारी व्यक्ति’ के रूप में जाना जाता है.
सिने एवं टीवी कलाकार संगठन (सिन्टा) ने मंगलवार को कहा कि वह आलोक नाथ को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा. सिन्टा के महासचिव और अभिनेता सुशांत सिंह ने ट्वीट कर नंदा को लिखा, ‘‘प्रिय विन्ता नंदा, मुझे बहुत दुख है….दुर्भाग्यवश हमें उचित प्रक्रिया का पालन करना है। मैं आपसे अपील करता हूं कि आप इस घटिया प्राणी के खिलाफ शिकायत दाखिल करें। हम आपका पूरा समर्थन करते हैं.’ ‘तारा’ नाम के टीवी शो से चर्चा में आईं नंदा ने सोमवार की रात को फेसबुक पर लिखे एक लंबे पोस्ट में अपने साथ कथित तौर पर हुए यौन शोषण की विस्तार से जानकारी दी.
टीवी पर पिता, अंकल और दादा की संस्कारी छवि में दिखने के चलते आलोक नाथ को ‘‘सबसे संस्कारी व्यक्ति’ कहा जाता है. नंदा ने आरोप लगाया कि आलोक नाथ को 1993 में ‘तारा’ के सेट पर मुख्य अभिनेत्री नवनीत निशान से दुर्व्यवहार करने के बाद धारावाहिक से निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने एक से अधिक बार उन पर यौन हमला किया था. नंदा ने कहा कि इस घटना से उन्होंने अपना आत्म-सम्मान खो दिया था. वह चाहती हैं कि दोषी को सजा मिले.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक लेखिका और एक इंसान के तौर पर अपना विश्वास खो दिया. इसने पूरी तरह मुझे बदल दिया…मैं चाहती हूं कि जिसने मेरे साथ ऐसा किया, उसे सजा मिले.’ नंदा ने कहा कि आगे के कदम के बारे में फैसला करने के लिए वह अपने सलाहकारों से मिलेंगी. आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाथ ने एबीपी न्यूज से कहा, ‘‘मैं न तो इन आरोपों को नकार रहा हूं और न ही इनसे सहमत हूं. यह (बलात्कार) हुआ तो होगा, लेकिन किसी और ने किया होगा. मैं अब इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता, क्योंकि अगर यह बाहर आएगा तो और भी खिंचेगा.’
उन्होंने कहा कि नंदा के आरोप आजकल चल रही ‘मीटू’ मुहिम का नतीजा है। आलोक नाथ ने कहा, ‘हालांकि, हम सिर्फ महिलाओं का ही पक्ष सुनते हैं क्योंकि उन्हें कमजोर माना जाता है.’ नवनीत निशान ने भी नंदा का समर्थन किया और कहा, ‘‘मैं सवालों के घेरे में आए आदमी की चार साल की प्रताड़ना से थप्पड़ मारकर निपटी और फिर सब ठीक हो गया.’
मलयाली अभिनेता से सांसद बने मुकेश भी देश में चल रही ‘मीटू’ मुहिम की चपेट में आए हैं. बॉलीवुड की एक महिला कास्टिंग डायरेक्टर ने आरोप लगाया कि वर्ष 1999 में एक टेलीविजन शो की शूटिंग के दौरान मुकेश ने उनके साथ बदसलूकी की थी. टेस जोसेफ ने मंगलवार को ट्विटर पर घटना की जानकारी देते हुए बताया कि धारावाहिक ‘कोटीस्वरन’ की शूटिंग के दौरान ‘गॉड फादर’ के अभिनेता ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. केरल में सत्ताधारी माकपा के विधायक और कई लोकप्रिय टीवी शो के प्रस्तोता मुकेश ने इन आरोपों को नकारा और कहा कि उन्हें कार्यक्रम की शूटिंग के बारे में भी नहीं याद है.
लेखक-गीतकार वरुण ग्रोवर पर भी एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को जोरदार तरीके से खारिज किया. उन्होंने कहा कि इन आरोपों में कुछ भी सही नहीं है और खुद को सही साबित करने के लिए वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं.
कॉमेडी शो पेश करने वाले ग्रुप एआईबी, अभिनेता-निर्देशक रजत कपूर और फिल्मकार विकास बहल पर भी यौन उत्पीड़न या यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं. मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) ने घोषणा की कि आरोपों के मद्देनजर एआईबी की ‘चिंटू का बर्थडे’ और रजत कपूर की ‘कड़क’ को फेस्टिवल में प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया गया है. बहल भी अब कबीर खान की ‘83′ से नहीं जुड़े होंगे. बॉलीवुड के बड़े-बड़े दिग्गज ‘मीटू’ मुहिम में सामने आ रहे आरोपों पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन बॉलीवुड अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन ने मंगलवार को इस मुहिम का समर्थन किया. हालांकि, उन्होंने सामने आ रहे व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स असोसिएशन ने कहा कि उसने सामने आए मामलों पर गौर किया है और बहल को नोटिस जारी किया है. उसने कहा कि महिला कलाकारों के हितों की रक्षा के लिए उसने महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि वह मीडिया में सामने आए आरोपों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने की प्रक्रिया में है. दूसरी ओर, कई लोगों ने ‘मीटू’ मुहिम के बारे में नकारात्मक टिप्पणी भी की. भाजपा सांसद उदित राज ने ‘मीटू’ मुहिम को ‘‘गलत चलन’ करार दिया और सवाल किया कि 10 साल बाद किसी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाना कितना प्रासंगिक है.
‘मीटू’ मुहिम के जोर पकड़ने के साथ ही कई चेहरे बेनकाब होने की संभावनाएं बलवती होती जा रही हैं. इस बीच, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने अभिनेता नाना पाटेकर से कहा है कि वह आयोग के सामने पेश हों या अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की ओर से उनके खिलाफ दाखिल यौन प्रताड़ना की शिकायत के सिलसिले में 10 दिनों के भीतर जवाब दें. महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर ने कहा कि उन्होंने दत्ता की शिकायत का संज्ञान लिया है और उनकी ओर से नामित लोगों को नोटिस जारी किया है.