बॉलीवुड में #MeToo कैंपेन के शुरू होने के बाद इंडस्ट्री की कई महिलाओं ने ऐलान किया कि वे यौन शोषण के आरोपियों के साथ काम कर नहीं करेंगी. इनमें कोंकणा सेना शर्मा, नंदिता दास, मेघना गुलजार, गौरी शिंदे, किरण राव, रीमा कागती और जोया अख्तर जैसी कई निर्देशक और 11 महिला फिल्म निर्माताओं के नाम शामिल है. लेकिन अब नंदिता दास के पिता और मशहूर पेंटर जतिन दास पर सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप लगा है. निशा बोरा नामक एक महिला ने अपनी आपबीती सोशल मीडिया पर शेयर की है.
उन्होंने बताया कि, जतिन दास ने उन्हें जबरन किस करने की कोशिश की थी. उन्होंने लिखा,’ जतिन दास से मेरी मुलाकात साल 2004 में दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक डिनर इवेंट के दौरान हुई थी.’
उन्होंने आगे लिखा,’ यह पार्टी मेरे ससुर ने आयोजित की थी. मैंने अपने पूरे परिवार से उन्हें मिलवाया. मैं 28 साल की थी और कुछ समय पहले ही मेरी शादी हुई थी. बातचीत के दौरान उन्होंने मुझसे पूछा कि अगर मेरे पास समय हो तो क्या मैं उन्हें असिस्ट करूंगी. मेरे लिए इतने बड़े आर्टिस्ट के साथ काम करना सौभाग्य की बात थी. मेरे लिए यह किसी फैन मूमेंट जैसा था. मैंने इस बारे में अपने परिवार को बताया.’
#MeToo One of India's most feted artists alive. Padma Bhushan recipient. My molestor. Long post alert. @IndiaMeToo and so MANY other women, starting with @Rxyxsx Thank you for so much. pic.twitter.com/a6VFC6iHys
— Nisha Bora (@NishaBora) October 16, 2018
उन्होंने आगे लिखा,’ पहले दिन उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया. मैं वहां पहुंची तो उनका बच्चा जो शायद 14-15 महीने का था रो रहा था. हम उनके वर्करूम में काम कर रहे थे जो एंट्रेस के पास था. इस दौरान वे बता रहे थे कि कैसे वह अपने प्रोजेक्ट पंखा को आगे बढ़ाना चाहते हैं और ओडिशा में खुद का स्कूल खोलना चाहते हैं. इस दिन के आखिर में उन्होंने मुझे ऑटोग्राफ की हुई पंखा प्रोजेक्ट की खिताब और विदेश में हुए एक शो का पोस्टर दिया. उन्होंने अगले दिन मुझे फिर बुलाया.’
निशा ने बताया कि अगले दिन जतिन दास ने मुझे घर पर नहीं अपने स्टूडियो में बुलाया जो खिडकी गांव में था. उनका स्टूडियो क्रियेटिव एनर्जी से भरा हुआ था. मैं उन्हें असिस्ट कर रही थी इस बीच उन्होंने खुद के लिए एक ग्लास में विस्की निकाली और मुझे ऑफर की जिसे मैंने ठुकरा दी. इसके बाद उन्होंने मुझे पकड़ने की कोशिश कि तो मैं दूर हो गई. अभी मैं संभली भी नहीं थी कि उन्होंने मुझे पकड़ा और किस करने की कोशिश की. मैंने उन्हें धक्का दिया. इसपर वे बोले, अरे रूको, तुम्हें अच्छा लगेगा.’ मैंने अपना बैग उठाया और मैं वहां से निकल गई.
निशा बोरा ने आगे लिखा,’ बाद में मेरे पास उनकी बेटी नंदिता दास को फोन आया जिन्होंने मुझसे कहा कि उनके पिता ने उन्हें मेरा नंबर दिया है. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वह मेरी जैसी कोई असिसटेंट का नाम सुझा सकती हैं.’ निशा ने बताया कि यह कॉल उनके लिए सीने में खंजर डालने जैसा था.
उन्होंने बताया कि, वे इतने सालों तक इसलिए चुप रहीं क्योंकि उस समय उनकी शादी नहीं हुई थी और अपने लिए और अपने परिवार के लिए मुसीबत खड़ी नहीं करना चाहती थीं. अब दूसरी महिलाओं को देखकर उनके अंदर हिम्मत आ गई है.