इंडियाज गॉट टैलेंट में एक बार फिर जज की कुर्सी पर मलाइका अरोड़ा नजर आ रही हैं. वे कहती हैं कि बहुत सारे रियलिटी शोज टेलिविजन पर हैं, लेकिन इस शो की तरह कोई नहीं है. यहां सिंगिंग, डांसिंग, एक्टिंग से लेकर हर तरह का टैलेंट देखने को मिलता है. जो आप सोच भी नहीं सकते हैं. मलाइका अरोड़ा से उर्मिला कोरी की हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
इंडियाज गॉट का यह आठवां सीजन है. अब तक का अनुभव कैसा रहा ?
जब मैं इस शो जुड़ी थी तब मुझे लगा नहीं था कि यह शो इतने सीजन तक आयेगा. सोचती थी कि कुछ महीने में आप फिर से कहां से टैलेंट लेकर आयेंगे.ये आठवां सीजन है और टैलेंट की कमी नहीं है. मैं हमेशा सरप्राइज हो जाती हूं और मेरे पास शब्द भी कम पड़ जाते हैं. हर साल बेहतरीन टैलेंट है. मुझे लगता है कि भारत मे टैलेंट की कभी कमी ही नहीं होगी. टैलेंट का भंडार है.
अब तक सबसे अजीबोगरीब टैलेंट क्या था जिसने आपको इंप्रेस कर दिया?
99 साल की वो महिला जो योग करती हैं. उनको देखकर मैं चकित रह गयी थी.उनकी पूरी फैमिली उनको सपोर्ट करने आयी थी. देखकर और अच्छा लगा था. वैसे मैं डांस और उस पर बच्चे करें तो मैं फिदा ही हो जाती हूं. हर सीजन जिस तरह से बच्चों की उम्र कम होती जा रही हैं. मुझे लगता है कि कुछ साल बाद बच्चे पैदा होते ही डांस करने लगेंगे.
आपको लगता है कि इस शो के विनर आगे भी कैरियर में कुछ खास कर पाते हैं?
ये मंच बहुत कुछ देता है लेकिन आपको खुद से करते रहना होगा. जो भी आपको मौका आगे मिलता है. आपको करते रहना होगा.
आप इन दिनों आयटम डांस में नजर बहुत कम नजर आ रही है?
मैं अब इंटरप्रेनर बन गयी हूं. हाल ही में मैंने अपना फिटनेस स्टूडियो शुरू किया है.जिस पर मेरा फोकस है लेकिन डांस ऐसी चीज है. जिसे मैं सारी जिंदगी करना चाहूंगी. अगर 99 साल की उम्र में भी आयटम नंबर करने को मिलेगा तो मैं करुंगी.
आप सिंगल मदर हैं अपने काम के बीच बेटे को किस तरह से संभालती हैं?
मेरी मां भी सिंगल मदर थी. मेरा तो एक बेटा है. उनकी दो बेटियां थी लेकिन उन्होंने हमें बहुत अच्छे से पाला था. उनकी वजह से ही हम स्ट्रांग कंप्लीट हैं. जिससे मैं सिंगल भी अपने मदरहुड की जिम्मेदारियों को निभा लेती हैं.
इनदिनों मी टू मोमेंट की चर्चा जोरों पर हैं.
मैं हमेशा से औरतों से जुड़े मुद्दे को लेकर बहुत मुखर रही हूं. मैं भले ही सोशल मीडिया पर इस बारे में ज्यादा नहीं लिख रही हूं लेकिन मैं इसके सपोर्ट में हूं.लड़कियां अपनी आप बीती को बता रही हैं.इससे अच्छी बात औऱ क्या हो सकती हैं.मीडिया और हम सभी को इसके बारे में सपोर्ट करना चाहिए न कि उन्हें ट्रोल और साइडलाइन.हम जब आवाज़ उठाना शुरू करते हैं आधी परेशानी वहीं खत्म हो जाती है.
आपके अच्छे दोस्तों में से एक साजिद खान का नाम भी आया है क्या आप उनके साथ अब काम नहीं करेंगी?
साजिद का नाम सामने आने से मुझे बहुत दुख हुआ है.एक औरत जो अपनी कहानी बता रही है.मुझे उसपर पूरा विश्वास है.
मी टू मूवमेंट ने ये बात को फिर साबित कर दिया कि औरतें सड़क पर ही नहीं बल्कि अपने आफिस में भी सुरक्षित नहीं है?
हां और ये बहुत झकझोरता है. सरकार से लेकर हर आफिस मैं सिर्फ फ़िल्म इंडस्ट्री नहीं बल्कि हर आफिस की बात कर रही हूं कि उन्हें इस पर ठोस कदम उठाना होगा.औरतें सेफ महसूस करें ये ज़रूरी है. इस डर से हम घर में नहीं बैठ सकती हैं कि आफिस सुरक्षित नहीं है.हमें गलत के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए खुद को वर्कप्लेस पर सुरक्षित रखने के लिए पहल करनी होगी. मैने हाल ही में एक वुमन वर्कआउट स्टूडियो शुरू किया है.मैं अक्सर सुनती थी कि लड़कियां जिम में भी लोगों की घूरती निगाहों को झेलती हैं. मेरे ये वर्कआउट स्टूडियो पूरी तरह से औरतों के कंफर्ट का ख्याल रखता है.