तनुश्री दत्‍ता का CINTAA पर फूटा गुस्‍सा, कहा- भरोसे के लायक नहीं

तनुश्री दत्‍ता और नाना पाटेकर का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. उन्‍होंने #MeToo अभियान के तहत हाल ही में खुलासा किया था कि साल 2008 में ‘हार्न ओके प्‍लीज’ के सेट पर एक गाने की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी. तनुश्री दत्ता द्वारा लगाये गये आरोपों पर सिने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2018 9:20 AM

तनुश्री दत्‍ता और नाना पाटेकर का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. उन्‍होंने #MeToo अभियान के तहत हाल ही में खुलासा किया था कि साल 2008 में ‘हार्न ओके प्‍लीज’ के सेट पर एक गाने की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनके साथ छेड़छाड़ की थी. तनुश्री दत्ता द्वारा लगाये गये आरोपों पर सिने और टीवी कलाकारों एसोसिएशन (CINTAA) ने अभिनेता नाना पाटेकर को नोटिस भेजा था. नाना पाटेकर ने गुरुवार को इस बारे मामले में सीआइएनटीएए को जवाब दिया था. उन सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है.

नाना पाटेकर ने अपने जवाब में तनुश्री दत्‍ता द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को झूठा बताया और कहा कि वह अभिनेत्री के खिलाफ लीगल एक्‍शन लेने के बारे में सोच रहे हैं. यौन शोषण के मामलों से निपटने के लिए CINTAA ने एक कमेटी बनाने का फैसला किया है.

लेकिन तनुश्री दत्‍ता सिंटा के फैसले से खुश नहीं हैं. आज तक वेबसाइट के अनुसार तनुश्री के मामले में अब तक सिंटा ने कोई स्‍टैंड नहीं लिया है और इस वजह से वे बेहद निराश हैं. उनका कहना है कि, सिंटा ने 10 साल पहले मेरी सेक्‍सुअल हैरेसमेंट की शिकायत पर सही एक्‍शन ने लेने पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी.’

उन्‍होंने आगे कहा कि,’ मुझे सिंटा की तरफ से कहा गया था कि नाना पाटेकर, गणेश आचार्य, प्रोड्यूसर सामी सिद्दिकी, और डायरेक्‍टर राकेश सारंग के खिलाफ कड़े एक्‍शन लिया जायेगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.’

अभिनेत्री ने कहा,’ क्‍या वो मुझे कोई कानूनी मदद दे सकते हैं ? क्‍योंकि नाना पाटेकर की ओर से लगातार मानहानि का नोटिस देकर धमकी दी जा रहा है. लेकिन सिंटा का कहना है कि ऐसे मामलों में कानूनी मदद देना उनकी पॉलिसी नहीं है.’ तनुश्री दत्‍ता का कहना है कि सिंटा सिर्फ मीडिया को दिखाने के लिए #MeToo का समर्थन कर रही है.

उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि,’ जब बड़े-बड़े प्रोडक्‍शन हाउसेस ने #MeToo के घेरे में आये लोगों को बाहर का रिश्‍ता दिखा दिया है, यहां तक कि सरकार के एक मंत्री ने इस्‍तीफा दे दिया है ऐसे में सिंटा की कार्रवाई हास्‍यापद है.’ उन्‍होंने कहा कि ये संस्‍था भरोसे के लायक नहीं है और कमजोर है.

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