बोलीं अभिनेत्री शबाना – मुसलमान होना मेरी पहचान का छोटा हिस्सा

पटना : मेरा मुसलमान होना मेरी पहचान का छोटा सा हिस्सा भर है. मैं एक महिला हूं, मैं एक भारतीय हूं और मैं उस गंगा-जमुनी तहजीब की संस्कृति का एक हिस्सा हूं जो हमें भारतीय होने पर गर्व से भर देता है. आज आइडेंटिटी पॉलिटिक्स में हमें हिंदू -मुसलमान के खांचे में बांटा जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2018 8:25 AM

पटना : मेरा मुसलमान होना मेरी पहचान का छोटा सा हिस्सा भर है. मैं एक महिला हूं, मैं एक भारतीय हूं और मैं उस गंगा-जमुनी तहजीब की संस्कृति का एक हिस्सा हूं जो हमें भारतीय होने पर गर्व से भर देता है. आज आइडेंटिटी पॉलिटिक्स में हमें हिंदू -मुसलमान के खांचे में बांटा जा रहा है. विचारों को भी नेशनल और एंटी नेशनल में देखा जा रहा है. ये बातें मशहूर अदाकारा शबाना आजमी ने इप्टा के प्लैटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन करते हुए कही. भारतीय नृत्य कला मंदिर में उन्होंने कैफी आजमी की नज्म मकान से अपने भाषण की शुरुआत की. कहा कि आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है, आज की रात न फुटपाथ पे नींद आएगी. सब उठो, मैं भी उठूं तुम भी उठो, तुम भी उठो, कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जायेगी. शबाना ने कहा कि जब उन्होंने आंख खोली तो सुर्ख लाल रंग ही देखा. क्योंकि कैफी साहब कम्यूनिस्ट थे.

कला को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनना चाहिए
इप्टा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कला को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनना चाहिए. इप्टा को नौजवान पीढ़ी को अपने से जोड़ना चाहिए. उन्हें परवाज के लिए पंख देना चाहिए. हमें यह प्रण करना चाहिए कि हम दाभोलकर, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की शहादत को जाया नहीं होने देंगे. क्योंकि हंगामे जाग उठते हैं अक्सर घुटन के बाद. उन्होंने आह्वान किया कि तमाम लोग एक साथ आएं और कला में वे शक्ति है जो हमें जोड़ सकती है. उन्होंने बोल कि लब आजाद हैं तेरे..तराना गाया और कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जायेगा, नया जमाना आयेगा का नारा भी दिया.

किसी का कद बढ़ा देना किसी के कद को कम करना…
कभी इप्टा में सदस्य रहे वाम नेता कन्हैया ने अपने भाषण की शुरुआत इस शायरी से की..किसी का कद बढ़ा देना किसी के कद को कम करना, मुझे आता नहीं न मोहतरम को मोहतरम कहना. कहा कि अब वे जो भी कहेंगे स्पष्ट कहेंगे. पहले रेप की घटनाएं, लिंचिंग की घटनाएं और हत्याएं हमें विचलित करती थी लेकिन अब रोजमर्रा का हिस्सा हो चुकी है. 12 हजार किसानों की मौत हमें नॉर्मल ही बने रहने देती है. मंदिर मस्जिद का झगड़ा हमें बांटते हैं तो हम नहीं पूछते कि एक दिन में अंबानी 250 करोड़ रुपये कमाते हैं.

इन वक्ताओं ने किया संबोधित
सईद अख्तर मिर्जा, कांचा इलैया, एमके रैना, जिग्नेश मेवानी आदि अपने विचार रखेंगे. इस मौके पर फिल्म अभिनेत्री एवं वरिष्ठ रंगकर्मी संजना कपूर, मेघा पानसरे, राजेंद्र राजन, शमीक वंद्योपाध्याय, रूपरेखा वर्मा, मधु मंसूरी, मुकुंद नायक, सवि सावरकर,मधु मंसूरी, मुकुंद नायक, सवि सावरकर, नगीन तनवीर, परवेज अख्तर आदि मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए.

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