फिल्म : ठग्स ऑफ हिंदोस्तान
निर्माता : यशराज फिल्म्स
निर्देशक : विजय कृष्णा आचार्य
कलाकार : अमिताभ बच्चन, आमिर खान, कैटरीना कैफ, फातिमा सना शेख, जीशान, इला अरुण और अन्य
रेटिंग : डेढ़ स्टार
उर्मिला कोरी
आमिर खान की फिल्म मतलब ढेरों उम्मीदें. पिछले दो दशक से जिस तरह की फिल्में वह साल दर साल कर रहे हैं, वह इसकी गवाही देते हैं. उस पर से अगर उनके साथ अमिताभ बच्चन का नाम भी जुड़ जाए तो क्या कहने? लेकिन ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ इन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरती है, बल्कि फिल्म देखने के बाद आप ठगा हुआ सा महसूस करते हैं. नाम बड़े दर्शन छोटे वाली कहावत पर खरी उतरती है यह फिल्म. बड़े स्टारकास्ट, भव्य सेट, भव्यता हर फ्रेम में, लेकिन फिल्म की सबसे जरूरी चीज कहानी बेहद कमजोर है.
यह एक पीरियड ड्रामा फिल्म है. फिल्म की कहानी की शुरुआत 1795 से होती है. ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में लगभग हर राज्य पर अपना कब्जा जमा चुकी है, लेकिन रौनकपुर राज्य अब भी अंग्रेजों की हुकूमत से दूर है. सेनापति खुदाबक्श जहाजी (अमिताभ बच्चन) उसका रखवाला है. वह अपने मिर्जा साहब और रौनकपुर के लिए है लेकिन धोखे से अंग्रेज मिर्जा साहब को मारकर रौनकपुर पर कब्जा कर लेते हैं. कहानी एक दशक आगे बढ़ती है. खुदाबक्श कुछ लोगों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ चुका है. वह अंग्रेजों के लिए सिरदर्द बन गया है. आमिर के किरदार का इस्तेमाल अंग्रेज़ खुदाबक्श के खिलाफ करते हैं. क्या अंग्रेज अपनी साजिश में कामयाब होंगे? फिल्म में कई ट्विस्ट और टर्न के साथ आगे की कहानी कही गयी है. फिल्म की कहानी कमजोर है. जो भी ट्विस्ट, टर्न और सस्पेंस डाले गये हैं, वो प्रभावी नहीं है. फिल्म का निर्देशन फिल्म के कंसेप्ट और स्क्रीनप्ले की तरह ही बहुत कमजोर है. ऊपर से फिल्म की तीन घंटे की लंबाई रहा-सहा सब्र भी खत्म कर देती है.
परफॉरमेंस की बात करें, तो अमिताभ बच्चन ने खुदाबख्श के रोल में अच्छे रहे हैं. आमिर खान ने भी अपने किरदार को बखूबी जिया है. अभिनेत्री कैटरीना कैफ ऑन स्क्रीन बहुत कम नजर आयी हैं. उनके हिस्से में कुछ गाने और चंद सीन ही हैं. फिल्म की हीरोइन फातिमा हैं. उनका और जीशान अयूब का काम अच्छा है. अजय अतुल का संगीत औसत है. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. फिल्म के वीएफएक्स की काफी समय से बात हो रही थी लेकिन आज दौर में जब दर्शक ग्लोबल सिनेमा का दर्शक बन चुका है, वीएफएक्स अपील नहीं करता है. फिल्म उस मामले में भी कोई नया मानक नहीं रख पायी है. कुल मिलाकर ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ एक कमजोर फिल्म है.